पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, इस वीडियो में एक अनोखी घटना है. पहली बार वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा कि मानो किसी ट्रेन की चपेट में आने के बाद ट्रेन को रोककर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है. लेकिन, हकीकत इससे बिल्कुल परे है. यहां एक मरीज की जान बचाने के लिए दर्जनभर लोग अपनी ही जान जोखिम में डालकर उसे अस्पताल पहुंचाते दिखे.
दरअसल, यह वीडियो खनिज संपदाओं से परिपूर्ण झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले का है. मुंडासाही गांव निवासी एक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने पर उसे चंपुआ अनुमंडल अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने 108 एंबुलेंस को बुलाया था. लेकिन, मरीज के घर तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने पर एंबुलेंस को एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया. परिजन स्ट्रेचर लेकर मरीज को कंधे पर लादकर एंबुलेंस तक ले जा रहे थे.
पहले इंतजार किया, फिर..
इस रास्ते में एक रेलवे ट्रैक भी है. रेलवे ट्रैक के समीप पहुंचने पर वहां मालगाड़ी खड़ी थी. इस पर परिजनों ने कुछ देर इंतजार भी किया कि मालगाड़ी चली जाए, तो रेलवे ट्रैक पार करेंगे. लेकिन, मालगाड़ी काफी देर तक खड़ी रही. इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो तय किया कि जल्दी रेलवे ट्रैक पार करते हैं. इसके बाद परिजन स्ट्रेचर पर मरीज को रखकर मालगाड़ी के नीचे से रेलवे लाइन को पार कर एंबुलेंस तक पहुंचे.
ऐसे पहुंचे एंबुलेंस तक
इस दौरान मरीज की जान बचाने के लिए परिजनों ने जान जोखिम में डालकर मालगाड़ी के नीचे से स्ट्रेचर को सरकाते हुए ट्रैक के पार पहुंचाया. फिर बारी-बारी से सभी ट्रेन के नीचे से रेलवे लाइन के उस पार निकले. स्ट्रेचर पर लेटे मरीज को स्ट्रेचर समेत कंधे पर उठाया और एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद एंबुलेंस मरीज को लेकर चंपुआ अनुमंडल अस्पताल पहुंची, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस पूरी घटना का वहां मौजूद किसी शख्स ने वीडियो बना लिया, जो अब खूब वायरल हो रहा है.
कहां हैं सरकारी योजनाएं?
पश्चिमी सिंहभूम जिला खनिज संपदा से परिपूर्ण है, इस जिले में स्थित जैंतगढ़ ब्लॉक के गांवों तक सड़क नहीं बनी है, जिसकी वजह से लोगों को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार करोड़ों रुपये सड़क और स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च करती है, लेकिन धरातल पर ऐसी परिस्थितियां उस खर्च पर सवाल खड़े करती है.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 18:31 IST