पटना : ड्रैगन फ्रूट, जो थाईलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका में बेहद लोकप्रिय है, अब भारत में भी अपनी जगह बना रहा है. पौष्टिक गुणों से भरपूर यह विदेशी फल न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों की आय को भी दोगुना कर सकता है. इसके आकर्षक रूप और गुणों के कारण बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. बिहार सरकार ने इस अवसर का फायदा उठाने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 3 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.
21 जिलों का हुआ चयन
बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप में ड्रैगन फ्रूट की खेती को शामिल करते हुए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत 3 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. अगले तीन वर्षों में, 21 जिलों में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जाएंगे. वर्तमान में कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज में इसकी खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य ने खेती विस्तार के लिए डीपीआर भी तैयार कर लिया है.
मिलेगा 40% का अनुदान
ड्रैगन फ्रूट की खेती पर आने वाली कुल लागत 7 लाख 50 हजार रुपये है. इस पर सरकार 40 प्रतिशत अनुदान यानी 3 लाख रुपये तीन किस्तों में देगी. हालांकि, किसानों को पौधरोपण के लिए आवश्यक सामान खुद खरीदना होगा. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. किसानों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा. इस योजना में 78.56 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 1.44 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए चुने गए जिले
बिहार के भोजपुर, गोपालगंज, जहानाबाद, सारण, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, समस्तीपुर और वैशाली जिलों में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किसान इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 23:27 IST