औरंगाबाद : ठंड का मौसम आते ही सेम की सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है. औरंगाबाद के किसान द्वारा बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जा रही है. इस मौसम सेम की डिमांड सबसे अधिक होती है. औरंगाबाद जिले के ओबरा के किसान राजकिशोर मेहता पिछले 20 वर्षों से सेम की खेती करते हैं.
किसान ने बताया कि वो मौसमी खेती करते हैं। जिस मौसम में जिस सब्जी का डिमांड होता हैं वो उसकी खेती करते हैं. वहीं किसान द्वारा 1 बिगहा में पूसा सेम 2 किस्म की खेती की जाती हैं. बता दें इसकी खेती बलुई दोमट मिट्टी में करने से अच्छी उपज होती हैं। वहीं सेम की खेती जुलाई अगस्त महीने के मध्य में शुरू की जाती हैं जिसे तैयार होने में लगभग 80-100 दिनों का समय लगता हैं.
इसमें लगने वाले रोग और उपाय
किसान सलाहकार ने बताया कि सेम की खेती में कई तरह के रोग भी लगते हैं जिसमें भूनका रोग, बिन फ्लाई और अक्सर सेम के पत्तियों में धब्बे लगते हैं जिस वजह से इसका असर सेम की खेती पर पड़ता हैं. किसान को इससे बचाव के लिए कीटनाशक दवाएं, खेतों की समय समय पर सफाई करने से इन रोगों से बचा जा सकता है.
सेम में कई विटामिन और पोषक तत्व
किसान ने बताया कि सेम की उपज प्रति कट्ठा लगभग 5-7 क्विंटल तक होती है. बता दें इस मौसम में सेम प्रति किलो 54 रुपए तक बाजार में बिकता है. जिससे किसान को लगभग 2 लाख रुपए का मुनाफा होता हैं. किसान सलाहकार ने बताया कि सेम में कई तरह के विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनमें भ विटामिन बी 6, थायमिन, एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन शामिल है.
Tags: Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 12:42 IST