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सावधान! कोटा बैराज से छोड़े गए पानी, UP के इन इलाकों में बाढ़ का खतरा

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इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में चंबल नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए बाढ़ की आशंका जताई जा रही है. राजस्थान के कोटा बैराज से बड़े पैमाने पर छोड़े जा रहे पानी के चलते चंबल इलाके के निचले गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. प्रति घंटे 3 सेंटीमीटर के आसपास जलस्तर में इजाफा हो रहा है. इस समय चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 113.80 मीटर हो चुका है जबकि खतरे का निशान 119.80 मीटर है.

बाढ़ की आशंका के चलते आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सक्रिय हो गया है. चंबल इलाके के निचले गांवों में दर्जनों बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, साथ ही राजस्व अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया गया है. उदी चंबल स्थलीय प्रभारी मनीष जैन का कहना है कि कोटा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे जल के चलते चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 113.19 मीटर हो गया है.

प्रशासन पूरी तरह से सतर्क
इटावा के आपदा प्रबंधन अधिकारी आशुतोष दुबे का दावा है कि बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है, जिसका नंबर 05688-250077 आम जनमानस के लिए जारी कर दिया गया है. कंट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. बाढ़ की संभावित स्थिति को लेकर अधिकारियों को व्यापक स्तर पर सतर्क कर दिया गया है.

60 गांव पर बुरा असर
उदी के स्थानीय निवासी महाराज सिंह भदौरिया बताते हैं कि चंबल की बाढ़ से बढपुरा विकासखंड के तीन गांव बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इसके साथ ही चकरनगर तहसील के करीब 60 गांव पर इसका बुरा असर पड़ता है. चंबल नदी की बाढ़ का असर 2019, 2021 और 2022 में व्यापक तौर पर देखा गया है. चंबल की बाढ़ से न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है, बल्कि आम जनमानस का बड़े पैमाने पर नुकसान भी हुआ है. खेतों में खड़ी फसलों के साथ-साथ घरों में रखा राशन भी बाढ़ में बह गया. पीड़ित किसान जानवरों का चारा भी नहीं बचा पाए थे.

FIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 11:30 IST



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