अंबाला. अंबाला में आज से 124 साल पुराना और ऐतिहासिक वामन द्वादशी मेला शुरू हो गया है. वामन देव को भगवान विष्णु का पांचवां अवतार माना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने त्रेतायुग में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को माता अदिति और कश्यप ऋषि के घर जन्म लिया था. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है, और इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती पर वामन अवतार में जन्म लिया था.
आज शहर के नोरंगराय मंदिर से इस मेले की शुरुआत की गई, और फिर शहर के विभिन्न मंदिरों से शोभा यात्रा निकालते हुए 5 हिंडोले शहर की गुड मंडी में स्थापित किए गए. इस दौरान ढोल की धुन पर नाचते गाते हिंडोलों को मंडी में लाया गया. इस मेले में भारत के विभिन्न राज्यों से लोग माथा टेकने के लिए अंबाला पहुंचते हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए सनातन धर्म सभा के सदस्य कुलभूषण गोयल ने बताया कि वामन द्वादशी का मेला अंबाला का ऐतिहासिक मेला है. सनातन धर्म सभा इस मेले को 124 वर्षों से इसी प्रकार आयोजित कर रही है. यह मेला बहुत ही भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है, जिसमें पंजाब, हरियाणा और भारत के कई राज्यों से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मेले में बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े सभी झूमते हैं और वामन भगवान के दर्शन करते हैं.
तीन दिन तक चलेगा मेला
सनातन धर्म सभा के सदस्य हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि आज से इस मेले की शुरुआत की गई है, और यह मेला तीन दिनों तक चलेगा. इस दौरान दूर-दूर से गायक अपने भजनों से लोगों के मन को मोह लेंगे. मेले के आखिरी दिन एक भव्य शोभा यात्रा आयोजित की जाएगी, जिसके बाद भगवान वामन के हिंडोले ऐतिहासिक नोरंगराय तालाब में विसर्जित किए जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 23:02 IST