लखनऊ. उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी हो या एसपी सब बुर्का-बुर्का जप रही है. ऐसा लगता है कि इस चुनाव में बुर्के की वजह से किसी की ‘लंका’ लगेगी और कोई ‘लंका’ फतह करेगा. यूपी में ‘बुर्का’ जीता या हारा यह तो 23 नवंबर को पता चलेगा. लेकिन, यूपी के इस चुनाव ने बुर्के को राष्ट्रीय मुद्दा जरूर बना दिया है. ऐसा लग रहा है कि आने वाले कई दिनों में सभी मुद्दे पर बुर्का मुद्दा बीस पड़ेगा. आपको बता दें कि बीजेपी जहां बुर्के में वोट देने आ रहीं मुस्लिम महिलाओं को बुर्का हटाकर चेकिंग करने के पक्ष में बयान दे रही है. वहीं, समाजवादी पार्टी को बुर्का और नकाब में वोट देने आ रही महिलाओं को पुलिस द्वारा चेकिंग करने पर ऐतराज है. ऐसे में आने वाले दिनों में बुर्के को लेकर राजनीतिक तापमान चरम पर पहुंच सकता है.
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बुधवार को भी चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘लगता है कि चुनाव आयोग की इंद्रियां काम नहीं कर रही हैं. न उसे दिखाई दे रहा है और न उसे सुनाई दे रहा है…’ आपको बता दें कि वोटिंग से एक दिन पहले भी सपा ने चुनाव आयोग को बुर्का में वोट देने आने वाली महिलाओं को लेकर पत्र लिखकर यूपी पुलिस को इस प्रक्रिया से दूर रहने की बात की थी. चुनाव आयोग ने भी कहा है कि पुलिस को वोटर आईडी चेक करने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या अखिलेश के साथ हो गया ‘खेला’
लेकिन, इसके बावजूद भी वोटिंग के दिन पुलिस द्वारा वोटर आईकार्ड की जांच करते हुए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने पर बीजेपी नेताओं के भी बयान आ रहे हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव को हार का डर सता रहा है. जब मुस्लिम महिलाएं पासपोर्ट बनाने जाती हैं तो क्या चेहरा नहीं दिखाती हैं? उस समय अखिलेश यादव क्यों नहीं बोलते? सुन्नी-शिया या फिर मौलाना-मौलवी का परिवार सभी पासपोर्ट बनवाते हैं. उस समय क्यों हंगामा नहीं करते? बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं तो चेहरा दिखाना पड़ता है कि नहीं? जब एयरपोर्ट पर जाते हैं तो बुर्का हटाकर चेहरा दिखाती हैं कि नहीं? फिर अखिलेश यादव इतना हंगामा क्यों कर रहे हैं?
23 नवंबर के बाद क्या होगा?
आपक बता दें कि उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं. मतदान से ठीक दिन पहले समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सियासी पारा हाई कर दिया था. समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम महिला वोटरों का नाम लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा था और बड़ी मांग की थी कि बुर्का और नकाब पहनकर वोट देने आने वाली महिलाओं का पुलिस द्वारा चेकिंग न हो. चुनाव आयोग इसके लिए अपने कर्मचारी तैनात करे. इससे मुस्लिम महिलाओं को पुलिस का डर होता है और वह वोट नहीं डाल पाती हैं.
समाजवादी पार्टी का आरोप है कि बुधवार को भी उपचुनाव के दौरान कई विधानसभा सीटों पर पुलिस मुस्लिम महिलाओं के हिजाब और बुर्का उतरवाकर आई कार्ड चेक करती नजर आई. जबकि, ये अधिकार सिर्फ चुनाव अधिकारियों का होता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर 23 नवंबर को नतीजे एसपी के पक्ष में नहीं आए तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है. एसपी चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग कर सकती है.
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FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 15:19 IST