हजारीबाग. वैसे तो पेठा का नाम सुनते ही आगरा का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है. आगरा का पेठा पूरे विश्व भर में मशहूर है, लेकिन बदलते दौर में हजारीबाग में बना हुआ पेठा झारखंड सहित बिहार में स्वाद की मिठास घोल रहा है. यहां पेठा को मुरब्बा के नाम से जाना जाता है. हजारीबाग के मुकुंदगंज में सड़क किनारे बृहद पैमाने मुरब्बा तैयार किया जा रहा है. यहां बिहार से आए लोग मुरब्बा बनाने के काम में जुटे हुए हैं. सड़क पर यात्रा कर रहे लोग भी यहां रुक कर इसका स्वाद लेने से बच नहीं पाते हैं.
मुरब्बा बनाने वाले दीपक कुमार बताते है कि वो बिहार गया जिले के मोहना के रहने वाले हैं. शुरुआती समय में आगरा में पेठा मिठाई बनाने का काम करते थे. बाद में वह 15 सालों से खुद की दुकान चला रहे हैं. अभी वह हजारीबाग में रोजाना लगभग 5 क्विंटल मुरब्बा तैयार करते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश से कद्दू मंगवाया जाता है. अभी दुकान में रोजाना पांच कारीगर काम करते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि यहां बने हुए मुरब्बा मिठाई की डिमांड पूरे झारखंड भर में है. झारखंड के अलावा बिहार में भी इसकी सप्लाई की जाती है. सर्दी के मौसम में इस मिठाई की डिमांड और भी अधिक बढ़ जाती है, लेकिन इसे बनाना इतना भी आसान काम नहीं है. तेज आंच की भट्टी के सामने दिनभर काम करना पड़ता है. अभी मुरब्बा 150 रुपए किलो बिक रहा है.
ऐसे किया जाता है तैयार
उन्होंने आगे बताया कि मुरब्बा जितना स्वादिष्ट है. उतना ही इसे बनाना मुश्किल, पेठा बनाने के लिए सबसे पहले कद्दू को उत्तर प्रदेश से मंगवाया जाता है. फिर इस कद्दू की छिलाई कर उसे चार हिस्सों में काट लिया जाता है. फिर पेठा को एक मशीन में डाल कर उसमें छोटे-छोटे आकार के कई छेद किए जाते है. फिर इसके छोटे आकार में काटकर चुना पानी में दो से तीन घंटे तक सख्त होने के लिए डाल दिया जाता है.
इससे उसमें पहले मौजूद कीटाणु भी खत्म हो जाते हैं और कद्दू भी सख्त हो जाता है. तत्पश्चात उस कद्दू को इलायची, गुलाब जल मिश्रित चीनी के घोल में 2 से 3 घंटे तक पकाया जाता है. अच्छे से चीनी में पक जाने के बाद उसे बाहर निकाल कर सूखने के लिए डाल दिया जाता है.
उन्होंने आगे बताया कि इलायची और गुलाब जल मिश्रित होने के कारण से यहां के पेठा का डिमांड और भी बढ़ जाता है और दूर-दूर के ग्राहक यहां पेठा लेने के लिए पहुंचते हैं. साथ ही सड़क पर यात्रा करने वाले लोग भी यहां पेठा का स्वाद लेते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 15:00 IST