सीकर: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए पहली बार पेपरलेस स्वास्थ्य जांच शुरू की जा रही है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक नया शाला स्वास्थ्य सर्वेक्षण एप जारी किया है, जिससे स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच डिजिटल रूप में की जाएगी. इस एप में बच्चों से स्वास्थ्य से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे और उनके उत्तर के आधार पर उनकी हेल्थ का डाटा तैयार किया जाएगा.
इस पहल के तहत बीमार पाए गए विद्यार्थियों की जांच और इलाज चिकित्सा विभाग द्वारा किया जाएगा. यह अभियान पूरे प्रदेश में एक साथ शुरू किया गया है, और 31 अगस्त तक सभी स्कूली विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच करने का लक्ष्य तय किया गया है. माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा विभाग से जुड़े सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की जांच के लिए चिकित्सा विभाग ने 70 सवाल तैयार किए हैं, जो बच्चों के लिए आसान और बोरिंग नहीं होंगे.
जवाब के आधार पर डेटा भरेंगे
शिक्षा विभाग ने इस एप को तैयार करने के लिए चिकित्सा विभाग के साथ सहयोग किया है. शिक्षक इस एप को डाउनलोड कर संबंधित कक्षा में विद्यार्थियों से सवाल पूछेंगे और उनके जवाब के आधार पर डेटा भरेंगे. विद्यार्थी के जवाब के आधार पर यह तय किया जाएगा कि उसे चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है या नहीं.
31 अगस्त तक पूरी करनी होगी प्रक्रिया
बीमार बच्चों को जिला अस्पताल या उच्च चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिए भेजा जाएगा, और उनकी चिकित्सा विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत की जाएगी. शिक्षा विभाग ने इस स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया को 31 अगस्त तक पूरा करने की समय सीमा तय की है, और इसके बाद बीमार बच्चों का रिकॉर्ड चिकित्सा विभाग को भेजा जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 11:18 IST