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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रहा गहरा नाता, उनके इस नारे ने लोगों में भरा था गजब जोश

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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित विश्विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से लगभग तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का नाता रहा. समय-समय पर महान स्वतंत्रता सेनानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचे और छात्रों को नई दिशा दिखाने का काम किया. उन्हीं में से एक नाम बापू का भी है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कई बार कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए पहुंचे. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तीन बार छात्रों में जोश भरने पहुंचे. महात्मा गांधी ने छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारी को कई पत्र भी लिखे और अपने विचारों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया.

AMU में तीन बार आए थे महात्मा गांधी
जानकारी देते हुए एएमयू के जनसम्पर्क अधिकारी उमर पीर जादा ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी साल 1916 में पहली बार आए थे. इसके बाद 12 अक्टूबर 1920 को दूसरी बार एएमयू पहुंचे. इसके ठीक पांच साल बाद साल 1925 में बापू तीसरी बार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आए. उन्होंने अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए एएमयू से अलख जगाई. उमर पीर जादा ने बताया कि महात्मा गांधी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विदेशी कपड़ों की होलिका जलाई थी जिसके बाद देश भर में असहयोग आंदोलन को एक नई धार मिली. इस आंदोलन के बाद पूरे देश के लोगों में देशभक्ति का लावा फूट पड़ा. साल 1916 में जब महात्मा गांधी अलीगढ़ पहुंचें तो स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इस दिन अलीगढ़ स्टेशन से लेकर मालवीय पुस्तकालय तक बापू को जुलूस के साथ ले जाया गया.

हिंदू-मुस्लिम हैं देश की दो आंखें
उमर पीर जादा ने कहा कि इस दौरान महात्मा गांधी ने ‘हिंदू मुस्लिम देश की दो आंखें हैं’ का नारा देते हुए लोगों में नया जुनून पैदा कर दिया. इस नारे के बाद लोग धार्मिक, जातिगत भेदभावों और वैमनस्य को भुलाकर एक दूसरे से गले मिल रहे थे. लोग बापू के आंदोलन की जमकर प्रशंसा कर रहे थे.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 12 अक्टूबर 1920 को महात्मा गांधी ने स्ट्रेची हॉल के सामने ऐतिहासिक भाषण दिया था. उनके भाषण को सुनकर छात्र आजादी का मशाल लेकर मैदान में कूद पड़े. बापू के विदेशी कपड़ों की होली जलाने पर एएमयू के पूर्व छात्र हसरत मोहानी ने अलीगढ़ के मुख्य बाजारों में से एक रसलगंज बाजार में खादी भंडार खोलकर स्वदेशी आंदोलन को हवा दी. इसके बाद एएमयू के छात्रों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता प्रदान की. महात्मा गांधी के जरिये अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिए गए ऐतिहासिक भाषण को यहां के छात्र आज भी याद करते हैं.

अलीगढ़ में यहां ठहरते थे राष्ट्रपिता
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीर जादा ने बताया कि जब भी महात्मा गांधी एएमयू या फिर अलीगढ़ में आते थे, तो वह मुस्तफा कमाल शेरवानी और अब्दुल मजीद ख्वाजा की कोठी पर विश्राम करते थे. यह वो हस्तियां थीं जो अलीगढ़ की नाक कही जाती थी. उन्होंने बताया कि इन हस्तियों का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गहरा नाता था. आज भी हर साल गांधी जयंती के मौके पर बापू की तस्वीरें उनकी एएमयू की विज़िट और उनके लिखे हुए पत्र डिस्प्ले किये जाते हैं.

Tags: Aligarh Muslim University, Aligarh news, Aligarh University, Local18



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