नई दिल्ली. मौजूदा समय भीषण गर्मी में कूलर भी फेल हो रहे हैं. केवल एसी ही राहत दे रहा है. सामान्य तौर पर एक एसी पूरे कमरे को ठंडा करता है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि 1000 से 1200 लोगों को ढोने वाली भारी भरकम ट्रेन में कुल कितने एसी लगे होते हैं. ये एसी कहां लगे होते हैं और इनका तापमान कितना रखा है. आइए जानें.
मौजूदा प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर में कुल कोचों की संख्या 68534 है. इसमें नॉन एसी स्लीपर और जनरल कोच 44946 हैं, जबकि एसी कोचों की संख्या 23588 है. इनमें प्रीमियम ट्रेनों के अलावा अन्य ट्रेनों में लगे एसी कोच शामिल हैं. इन कोचों से रोजाना करीब पांच लाख यात्री सफर करते हैं.
जब नहीं होते थे AC, तो राजा-महाराजा कैसे करते थे सफर, कैसे ठंडा करते थे रेल का कोच?
भारतीय रेलवे के डायरेक्टर इनफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी शिवाजी मारुति सुतार बताते हैं कि प्रत्येक कोच में एसी की संख्या निश्चित है. इनकी क्षमता को अलग-अलग बांटा जाता है. एक कोच में दो एसी लगाए जाते हैं. ये दोनों छोर पर लगाए जाते हैं. एक कोच में सात टन की क्षमता वाले एसी लगाए जाते हैं. इनमें किसी ट्रेन में 3.5-3.5 टन में या किसी में 4 व 3 टन में बांट दिया जाता है. इस तरह सात टन का एसी पूरे कोच को ठंडा रखने में सक्षम होता है. पूरे कोच में ठंडक को बराबर पहुंचाने के लिए प्रत्येक कंपार्टमेंट के ऊपर डक्ट बने होते हैं, उससे एसी की ठंडक सभी सीटों पर सवार यात्रियों को मिलती है.
इसके अलावा इनका तापमान 22 डिग्री से 24 डिग्री के बीच रखा जाता है. अगर थर्ड एसी कोच हैं, इनमें यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है, इसलिए 22 डिग्री रखा जाता है और सेकेंड और फर्स्ट एसी में 24 डिग्री रखा जाता है. हालांकि कई बार यात्रियों की सुविधानुसार कम ज्यादा भी किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 09:10 IST