झारखंड में महुआ के बीज जिसे स्थानीय भाषा में कोचाड़ा और कोइनी कहा जाता है. उसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.क्योंकि, सदियों से आदिवासी समाज में बहुत महुआ के बीज का उपयोग औषधि के रूप में किया करते आ रहे हैं.
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झारखंड में महुआ के बीज जिसे स्थानीय भाषा में कोचाड़ा और कोइनी कहा जाता है. उसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.क्योंकि, सदियों से आदिवासी समाज में बहुत महुआ के बीज का उपयोग औषधि के रूप में किया करते आ रहे हैं.
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