वैशाली. बिहार सरकार ने अचानक राज्य के पुलिस महानिदेशक को बदल दिया और आलोक राज की जगह 1991 बैच के कड़क आईपीएस ऑफिसर विनय कुमार को नया डीजीपी बना दिया. विनय कुमार की छवि एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की है और शायद यही वजह है कि सरकार ने उन्हें बिहार पुलिस की कमान सौंपी है.
विनय कुमार मूल रूप से वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड क्षेत्र स्थित रामपुरानी गांव के निवासी हैं जहां आज भी उनकी बूढ़ी मां रहती हैं. विनय कुमार के डीजीपी बनते ही जहां गांव में खुशी का माहौल है वहीं विनय कुमार की मां भी अपने बेटे की तरक्की से काफी खुश नजर आ रही हैं. विनय कुमार ने अपनी मां से फोन पर बात कर उनका आशीर्वाद भी लिया है तो वहीं उनकी मां भी अपने बेटे के बचपन को याद कर बता रही है कि उनका बेटा बहुत ईमानदार है जिस कारण आज भी गांव में एक छोटा सा घर है जहां वह रहती है.
बेटे की ईमानदारी पर मां को गर्व
डीजीपी की मां अशरफी शुक्ला बताती हैं कि वह बचपन से ही पढ़ने में वह काफी तेज था और शैतान यानी नटखट भी था. उन्होंने बताया कि विनय कुमार आज भी गांव आते रहते हैं और अब घर भी बनवा रहे हैं. दो माह पहले चाचा के श्राद्ध कर्म में गांव आए थे क्योंकि उन्हें गांव से बहुत लगाव है. पिता शिक्षक थे लिहाजा उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी गांव में ही हुई जिसके बाद वह पटना गए और फिर खड़गपुर से इंजीनियरिंग की. विनय कुमार की मां बताती हैं कि चार बहनों के बीच विनय इकलौता भाई है जो एक ईमानदार पुलिस अधिकारी बना और कभी रिश्वत नहीं ली. बहरहाल विनय कुमार की मां अपने बेटे के डीजीपी बनने से काफी खुश है और उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा बिहार की विधि व्यवस्था के साथ-साथ लॉ एंड आर्डर में भी सुधार करेगा.
FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 14:49 IST