Homeदेशइस जंगली फल को सदियों से खा रहे आदिवासी, आपको भी छू...

इस जंगली फल को सदियों से खा रहे आदिवासी, आपको भी छू नहीं सकेगी बीमारी, सिर्फ 5 फायदे जानकर ढूंढने लगेंगे

-


बोकारो: झारखंड अपने जंगलों के लिए भी पूरे देश में मशहूर है. खासकर यहां की आदिवासी संस्कृति से तो पूरा विश्व परिचित है. यहां के जंगलों में आज भी बड़ी संख्या में आदिवासी हैं और उनके तौर-तरीके भी खासा प्रचलित व कारगर माने जाते हैं. वहीं, इन आदिवासियों की औषधीय समझ कई रोगों का आसानी से उपचार कर लेती है, जिसमें एक फल भी बहुत महत्वपूर्ण है. आदिवासी इस फल के पेड़ को अपने घरों के आसपास लगाते हैं. माना जाता है कि इसके पेड़ के कारण जहरीले जीव और किटाणु घर से दूर रहते हैं.

बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश पाठक ने भिलावा फल के औषधीय गुणों की जानकारी दी. यह एक जंगली फल है और इसका उपयोग बड़ी संख्या में आदिवासी करते हैं. भिलावा फल की तासीर गर्म होती है और इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो कई सारी शारीरिक समस्या को आसानी से दूर करने में सक्षम हैं. यहां बता दें कि डॉ. राजेश पाठक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली से एमडी हैं और 16 साल तक पतंजलि व 3 साल से सुधि आयुर्वेदा चास में सेवाएं दे रहे हैं.

डॉक्टर ने भिलावा फल के ये गुण बताए  

1. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक: भिलावा फल में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण शरीर में मौजूद दूषित पदार्थों को दूर करने में मदद करते हैं. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके लिए रोजाना पके भिलवा फल के एक भाग को शहद के साथ मिलकर खाएं तो शरीर स्वस्थ रहता है. आदिवासी इसका खूब उपयोग करते हैं.

2. आर्थराइटिस: भिलावा के तेल का उपयोग अर्थराइटिस के उपचार में किया जाता है. यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक है. इसके लिए दर्द प्रभावित क्षेत्र पर भिलावा तेल की कुछ बूंदें लेकर धीरे-धीरे मालिश करें. फिर इसे 10-15 मिनट तक लगा रहने दें. बाद में गुनगुने पानी से धो लें. जल्द राहत प्राप्त होगी.

3. पाचन तंत्र को करेगा मजबूत: भिलावा फल का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में किया जाता है. इसके सेवन से पेट साफ रहता है. अपच, कब्ज और गैस के विकारों में कमी आती है. इसके लिए अच्छे 6 काजू , आधा भिलावा फल और एक बड़े चम्मच शहद को अच्छे से मिलाकर सेवन करें तो पाचन की समस्या दूर होती है.

4. न्यूरोलॉजिकल विकार: आयुर्वेद में भिलावा फल का उपयोग न्यूरोलॉजिकल विकारों जैसे कि मिर्गी और मानसिक विकारों के उपचार में भी किया जाता है. इसके लिए 1 ग्राम भिलावा पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ एक गिलास पानी में मिलकर पीने से मानसिक शांति और राहत मिलती है.

5. पुरुष व महिला दोनों के लिए फायदेमंद: आदिवासी महिलाएं इस फल का सेवन गर्भावस्था के दौरान करती हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे डिलीवरी आसानी से होती है और बच्चा भी स्वस्थ होता है. इसके अलावा यह फल पुरुषों में शुक्राणु बढ़ाने का काम भी करता है.

Tags: Bokaro news, Health benefit, Local18, Tribal Culture

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts