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ई-चालान भरते समय लिंक का रखें ध्यान, फर्जी-असली में जरा सा अंतर, साइबर ठगों के इस तरीके से बचें

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हजारीबाग: साइबर अपराधी आए दिन ठगी के नए-नए तरीके खोज लाते हैं. इन दिनों पूरे झारखंड में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी एक्टिव हैं और ई-चालान का फर्जी लिंक भेज कर साइबर अपराध की घटना को अंजाम दे रहे हैं. फर्जी लिंक और असली लिंक के बीच में मात्र अक्षरों का फर्क है, जिस कारण से जानकार भी उनके चंगुल में फंस जा रहे हैं.

हजारीबाग जिला पुलिस द्वारा सतर्कता के लिए पोस्टर भी जारी किए गए हैं, ताकि लोग ठगी का शिकार न हों. लोगों के सामने यह बड़ी समस्या आ चुकी है कि किस प्रकार वह अपने वाहनों के ऑनलाइन ई-चालान को भरें. इस विषय पर जिला परिवहन पदाधिकारी बैद्यनाथ कामती ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करवाने के लिए लगातार चालान काटे जा रहे हैं, ताकि सड़क पर लोग नियमों का पालन करें.

इस लिंक पर ही भरें ई-चालान
आगे बताया कि मीडिया के माध्यम से सूचना मिली थी कि साइबर ठग फर्जी ई-चालान का लिंक भेज कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में लोगों को सतर्कता बनाते हुए अपना चालान जमा करवाना है. ई-चालान जमा करवाने के लिए लोग प्रज्ञा केंद्र, आरटीओ ऑफिस या ट्रैफिक पोस्ट में आकर जमा करवाएं. अगर कोई चालान का लिंक आ रहा तो लिंक https://echallan.parivahan.gov.in का ध्यान रखें.

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
हजारीबाग के साइबर एक्सपर्ट आकाश जैन बताते हैं कि फर्जी लिंक के माध्यम से ठगी करने का तरीका बेहद पुराना है. इसमें साइबर ठग फोन में लिंक के माध्यम से ऐप का वायरस इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे उन्हें मोबाइल का एक्सेस मिल जाता है, जिसके बाद वह इससे ऑनलाइन पैसों का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. ऐसे में सतर्कता यही है कि फोन में अनजान लिंक पर क्लिक न करें.

Tags: Cyber Fraud, E Challan, Local18, Traffic rules



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