गाजियाबाद: आपने अक्सर देखा होगा कि मानसिक समस्याओं से पीड़ित लोगों को कई बार एंग्जायटी अटैक आ जाता है. इस बारे में जानकारी होने पर इसे संभाला जा सकता है पर जिसे न पता हो कि ये क्या बला है, वहां स्थिति बहुत बिगड़ जाती है. दोनों ही सूरत में एंग्जायटी अटैक आने पर उसे कैसे डील करना चाहिए और जिसे समस्या हुई है, उसे कैसे संभालना चाहिए, जानते हैं विस्तार से.
क्या कहना है एक्सपर्ट का
इस बारे में डॉ. आशिमा ने बताया कि आप ग्राउंडिंग तकनीक अपनाकर किसी व्यक्ति को एंग्जायटी अटैक आने पर सामान्य कर सकते है. ग्राउंडिंग तकनीक ऐसी रणनीतियां हैं जो आपको वर्तमान क्षण से जुड़ने या “ग्राउंड” होने में मदद करती हैं. ये माइंडफुलनेस का एक रूप है, जो कई अलग-अलग मानसिक स्वास्थ्य परिस्थितियों में मदद करता है. ग्राउंडिंग आपको अपने नकारात्मक विचारों से विराम लेने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो चिंता का कारण बन सकते हैं. तब तक, जब तक कि आप शांत नहीं हो जाते.
चिंता को शांत करने के लिए अपनी 5 इंद्रियों को सक्रिय करें
एक लोकप्रिय ग्राउंडिंग तकनीक 5-4-3-2-1 विधि है. डॉ आशिमा ने बताया कि अपनी पांच इंद्रियों को ग्राउंड करने का अभ्यास करें. सबसे पहले, आप 5-5-5 विधि नामक एक सरल गहरी सांस लेने की क्रिया से शुरुआत करें. इसे करने के लिए आप 5 सेकंड के यानी पांच गिनने तक सांस अंदर लें, 5 सेकंड के लिए अपनी सांस को रोके रखें और फिर 5 सेकंड तक सांस छोड़ें. ऐसा कम से कम 5 से 10 बार करें.
फिर आएं दूसरी तकनीक पर
आप इस प्रक्रिया को तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि आपके विचार धीमे न हो जाएं या आपको कुछ राहत महसूस न हो. जब आप अपनी सांस पर नियंत्रण पा लें, तो 5-4-3-2-1 तकनीक का अभ्यास करें. इसके लिए, आपको चारों ओर देखना होगा और इन पांच चीजों को खोजना होगा:
5 चीज़ें जो आप देखते हैं
4 चीजें जो आप महसूस करते हैं
3 बातें जो आप सुनते हैं
2 चीजें जिनकी आपको गंध आती है
1 चीज़ जिसका आप स्वाद लेते हैं
ध्यान बंटता है
इस तकनीक के पीछे लॉजिक ये है कि 5-4-3-2-1 तकनीक आपको अपना ध्यान इस बात पर केन्द्रित करने में मदद करती है कि वर्तमान में आपके आस-पास क्या हो रहा है, न कि इस बात पर कि आपको क्या चिंता महसूस हो रही है. इस तकनीक को अपनाकर आप खुद को सामान्य कर सकते हैं. लेकिन अगर इसके बावजूद व्यक्ति सामान्य नहीं महसूस कर रहा है तो उसे तुरंत किसी मनोचिकित्सक के पास ले जाएं और परामर्श लें. आमतौर पर शांत रहने पर और सांसों पर ध्यान केंद्रित करने पर व्यक्ति कुछ देर में ठीक हो जाता है. हालांकि बाद में डॉक्टर से बात जरूर करें और इलाज करवाएं.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 08:37 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.