IGI Airport Police: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कनाडा जाने के लिए चेक-इन करा रहे हरदीप सिंह के सपनों पर देखते ही देखते पानी फिर गया. यह सब हुआ एक फोटो की वजह से. बात यहां पर भी धम जाती तो ठीक होता, लेकिन इस फोटो की वजह से बात हरदीप की गिरफ्तारी तक पहुंच गई. इमीग्रेशन ब्यूरो के हस्तक्षेप के बाद यह मामला आईजीआई एयरपोर्ट तक पहुंच गया, जिसके बाद आईपीसी की धारा 419/420/468/471/34 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत हरदीप को गिरफ्तार कर लिया गया.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, हरदीप सिंह को एयर कनाडा की फ्लाइट AC-043 से कनाडा के लिए रवाना होना था. आईजीआई एयरपोर्ट पर चेक-इन के दौरान एयरलाइंस स्टाफ ने पाया कि पासपोर्ट पर लगी फोटो सामने खड़े व्यक्ति से कुछ अलग दिख रही है. जिसके बाद, एयरलाइन स्टाफ ने इस बाबत इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों को जानकारी दी. इमीग्रेशन अधिकारियों ने भी एयरलाइन स्टाफ के शक हो सकी पाया. इसके बाद, हरदीप सिंह को कार्रवाई के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के सौंप दिया गया.
पूछताछ में हरदीप निकला नवजोत और फिर…
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि पूछताछ के दौरान हरदीप सिंह की एक नई कहानी सामने आई. दरअसल, हरदीप सिंह ने पूछताछ में कबूल किया कि उसका असली नाम हरदीप सिंह नहीं, बल्कि नवजोत सिंह है. वह मूल रूप से अंबाला (हरियाणा) के नग्गल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मल्लौर गांव का रहने वाला है. दो साल पहले उसे अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया था. लिहाजा, अब वह अपने पासपोर्ट पर कनाडा नहीं जा सकता था. इसीलिए वह कनाडा जाने के लिए किसी अन्य शख्स के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा था.
नवजोत को कहां से मिला दूसरे का पासपोर्ट
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि नवजोत के कबूलनामे के आधार पर उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420/468/471/34 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हरदीप का पासपोर्ट उस तक कैसे पहुंचा, इस सवाल के जवाब में नवजोत ने खुलासा किया कि सपिंदर सिंह और जगदेव सिंह अहूजा नामक दो एजेंट्स की मदद से उसे हरदीप सिंह के नाम से जारी पासपोर्ट मिला था. इस पासपोर्ट के एवज में उसे 28 लाख रुपए का भुगतान दोनों को करना था.
क्या पुलिस की गिरफ्त में आए असली गुनहगार
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि किसी दूसरे के पासपोर्ट पर नवजोत को कनाडा भेजने की कोशिश कर रहे दोनों एजेंटों की गिरफ्तारी के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था. एसीपी वीकेपीएस यादव के नेृतत्व में गठित इस टीम में इंस्पेक्टर राज कुमार यादव, सब इंस्पेक्टर राजेश और हेड कॉन्स्टेबल अशोक भी शामिल थे. एक लंबी जद्दाेजहद के बाद पुलिस टीम ने लोकल इंटेलीजेंस और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से सपिंदर सिंह और जगदेव सिंह नामक दोनों एजेंट्स को गिरफ्तार कर लिया है.
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FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 11:44 IST