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कभी एंबुलेंस के ड्राइवर थे हिंडनबर्ग के मालिक, आज एंडरसन के पास कितना पैसा?

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Nathan Anderson’s Networth : दुनियाभर में फाइनेंशियल फ्रॉड को उजागर करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने वैसे तो कई फर्मों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया है, लेकिन उसके फाउंडर नाथन एंडरसन ने भी खूब पैसे बनाए. आखिर उनकी नेटवर्थ कितनी है.

हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने करोड़ों रुपये कमाए हैं.

नई दिल्‍ली. भारतीय कारोबारी गौतम अडानी और शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ रिपोर्ट देकर चर्चा में आए हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के फाउंडर नाथन एंडरसन ने सिर्फ भारत में ही नहीं दुनियाभर की कई कंपनियों की लंका लगाई है. उनकी रिपोर्ट से अकेले गौतम अडानी के कारोबार को ही 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का नुकसान हुआ था. इससे पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ भी ऐसी ही रिपोर्ट निकाली थी, जिसके बाद कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था.

हिंडनबर्ग के बारे में तो सभी बखूबी जानते हैं और उसके काम के बारे में भी. लेकिन, सवाल ये है कि आखिर इस कंपनी का नाम नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग ही क्‍यों रखा. दूसरा कि अपने खुलासे और रिपोर्ट से दुनिया की कई कंपनियों केा अरबों डॉलर का नुकसान कराने वाले एंडरसन ने खुद कितना पैसा कमाया और उनकी नेटवर्थ कितनी है. लेकिन, इससे पहले यह जानते हैं नाथन एंडरसन हिंडनबर्ग बनाने से पहले क्‍या थे और इसका आइडिया कैसे आया.

ये भी पढ़ें – ट्रंप के आने से ठीक 3 दिन पहले क्‍यों भागे एंडरसन? किस बात का सता रहा डर जो बंद कर दी अपनी दुकान

एंबुलेंस के ड्राइवर थे एंडरसन
एंडरसन का जन्‍म अमेरिका के कनेक्टिकट में हुआ था और उन्‍होंने स्‍थानीय यूनिवर्सिटी से ही इंटरनेशनल बिजनेस में डिग्री हासिल की थी. पढ़ाई के बाद एंडरसन को कोई खास काम नहीं मिला तो उन्‍होंने मार्च 2004 से जनवरी, 2005 तक इजरायल में एंबुलेंस पर ड्राइवर का काम किया. इसके बाद उन्‍होंने चार्टर्ड अल्‍टरनेटिव इनवेस्‍टमेंट एनालिस्‍ट (CAIA) और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्‍ट (CFA) की डिग्री भी हासिल की. इसके बाद उन्‍होंने FactSet Research Systems नाम से कंपनी बनाई और वेल्‍थ मैनेजमेंट की भी जिम्‍मेदारी संभाली. उनके इन्‍हीं अनुभवों ने आगे चलकर फाइनेंशियल मार्केट में इनवेस्टिगेटिव अर्पोच बनाने का आइडिया दिया.

कैसे बनी हिंडनबर्ग
एंडरसन ने फाइनेंशियल मार्केट में चल रहे गोरखधंधों को उजागर करने के लिए साल 2017 में एक रिसर्च फर्म बनाई. एंडरसन का मानना था कि फाइनेंशियल फ्रॉड किसी डिजास्‍टर से कम नहीं होते, लिहाजा उन्‍होंने साल 1937 में डिजास्‍टर का शिकार बनी एयरशिप हिंडरबर्ग के नाम पर अपनी कंपनी का नाम रखा. उनका मकसद कॉरपोरेट जगत में होने वाली कालाबाजारी को उजागर करना था.

कैसे शुरू हुआ कंपनी का काम
हिंडनबर्ग ने अपनी स्‍थापना के तत्‍काल बाद करीब 16 कंपनियों के खिलाफ गलत जानकारी देने और कॉरपोरेट धोखाधड़ी का मामला उजागर किया था. उनकी कंपनी जिस भी कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट उजागर करती थी, उसमें शॉर्ट सेलिंग के जरिये खुद भी पैसे बनाती थी. कंपनी का काम डिटेल रिसर्च करने के बाद पूरे मामले को उजागर करना और बाजार में लाना था.

कब और कैसे मिली शोहरत
हिंडनबर्ग को सबसे ज्‍यादा शोहरत साल 2020 में अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने पर मिली. तब हिंडनबर्ग ने इस इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी पर निवेशकों को गुमराह करने और अपनी तकनीक व क्षमताओं को छुपाने का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट से निकोला के शेयरों की कीमत तेजी से गिरी और उसके फाउंडर ट्रेवर मिल्‍टन को अपने पद से इस्‍तीफा तक देना पड़ गया.

कितनी है एंडरसन की नेटवर्थ
हिंडनबर्ग जैसी रिसर्च फर्म बनाने वाले एंडरसन ने सिर्फ कॉरपोरेट धोखाधड़ी से कंपनियों को ही नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि खुद भी करोड़ों रुपये कमाए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैसे तो नाथन एंडरसन ने अपनी संपत्ति का कभी खुलासा नहीं किया लेकिन अनुमान है कि उनके पास करीब 5 करोड़ डॉलर (433 करोड़ रुपये) की नेटवर्थ है.

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