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कमाल का है यह कृषि यंत्र, 1 घंटे में कर देता है 7 बीघा गेहूं की बुवाई, कम लागत में देता है बंपर पैदावार

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सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: सुपर सीडर एक आधुनिक कृषि उपकरण है, जिसका उपयोग पराली पर सीधे गेहूं की बुवाई करने के लिए किया जाता है. यह न केवल समय बचाता है, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करता है. सुपरसीडर से गेहूं की बुवाई करने से किसानों को लागत कम लगानी पड़ती है. खास बात यह है कि किसानों को कम उर्वरक का इस्तेमाल करने के बाद भी अच्छा उत्पादन मिलता है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनसी त्रिपाठी ने लोकल 18 को जानकारी देते बताया कि सुपरसीडर बहुत ही उपयोगी कृषि यंत्र है. इस आधुनिक कृषि यंत्र की मदद से किसान गेहूं की सीधी बुवाई कर सकते हैं. खास बात यह है कि इससे किसानों के कीमती समय की बचत होती है. इसके अलावा डीजल की बचत के साथ-साथ मजदूरों पर आने वाला खर्च भी कम हो जाता है. गेहूं की बुवाई जल्द कर सकते हैं. खास बात यह है कि सुपर सीडर की मदद से बुवाई करने से मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है. किसानों को कम उर्वरक का इस्तेमाल करना पड़ता है.

तेजी से होती है गेहूं बुवाई

सुपर सीडर ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है. इसमें रोटावेटर के साथ-साथ एक सीडर लगा रहता है. रोटावेटर आगे मिट्टी को जोतकर उसमें पराली की मल्चिंग कर देता है और पीछे से सुपर सीडर गेहूं की बुवाई करता रहता है. गेंहू के साथ-साथ इससे खाद भी दे सकते हैं. 7 फिट के सुपर सीडर से 1 घंटे में करीब 6 बीघा गेहूं की बुवाई हो जाती है. 8 फिट सुपर सीडर से करीब 7 बीघा गेहूं की बुवाई की जा सकती है. सुपर सीडर के टैंक में 75 किलो गेंहू और 75 किलो खाद भरने की क्षमता रहती है.

किसानों को मिलेगा बंपर उत्पादन

सुपर सीडर से बुवाई करने से मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी बढ़ती है. क्योंकि खेतों में मौजूद धान की फसल का अवशेष पराली जो बुवाई के वक्त मिट्टी में ही मिल जाता है. जिससे मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है. ऐसे में किसानों को कम उर्वरक का इस्तेमाल करना पड़ता है और कम लागत में किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है.

पर्यावरण को संरक्षित करता है यह यंत्र

पहले गेहूं की बुवाई करने के लिए किसानों को खेत में पराली को जलाना होता था, लेकिन एनजीटी के आदेशों के बाद पराली जलाने पर रोक लग गई. इससे किसानों को पराली को ठिकाने लगाने के लिए बड़ी समस्या हो गई. सुपर सीडर के आ जाने से पराली का निस्तारण तो होता ही है और कम लागत में गेहूं की बुवाई भी हो जाती है. सबसे खास बात यह है कि पराली जलाने के बाद होने वाले प्रदूषण से छुटकारा मिल जाता है.

Tags: Hindi news, Local18



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