जयपुर. राजस्थान उपचुनाव के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज से नामांकन भरे जाने लगे हैं. लेकिन अभी तक कांग्रेस और बीजेपी से लेकर किसी ने भी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है. टिकटों के लिए दावेदार जयपुर से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं. टिकट के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. आला नेताओं के दरबारों में धोक लगाई जा रही है. कांग्रेस में टिकटों का पिटारा कब खुलेगा इसको लेकर राजस्थान पीसीसी चीफ ने बड़ा इशारा किया है.
राजस्थान में झुंझुनूं, दौसा, देवली उनियारा, चौरासी, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़ सीट पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं. इनमें से चार सीटें झुंझुनूं, दौसा, देवली उनियारा और रामगढ़ सीट कांग्रेस के पास थी. जबकि सलूंबर बीजेपी, खींवसर आरएलपी और चौरासी भारत आदिवासी पार्टी के पास थी. कांग्रेस अपनी चारों सीटों को बरकरार रखते हुए तीन अन्य सीटों पर भी जीत दर्ज कराने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी है.
अंतिम क्षणों में ही सामने आएंगे टिकट
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के मुताबिक सभी सीट को लेकर उम्मीदवार करीब-करीब तय कर लिए गए हैं. हर एक विधानसभा सीट के लिए एक सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है. प्रत्येक सीट पर सीनियर लीडर और बूथ लेवल की टीम बनाई गई है. हमारी टीम आला कमान को नाम भेजेगी. उसके बाद उम्मीदवारों की लिस्ट आलाकमान की ओर से जारी की जाएगी. डोटासरा के बयान के मुताबिक टिकट अंतिम क्षणों में ही सामने आएंगे ताकि बगावत से बचा जा सके.
उपचुनाव में गठबंधन पर अभी नहीं हुआ फैसला
उपचुनाव में कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी और आरएलपी के साथ हुए समझौते को जारी रखेगी या नहीं इसका अभी तक फैसला नहीं हुआ है. अगर कांग्रेस का यह गठबंधन जारी रहता है तो भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है. डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में उपचुनावों में अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन रहेगा या नहीं इसका फैसला आलाकमान करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार से बीते 10 महीने में प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 14:20 IST