पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बुरा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ने आखिरकार प्रदेशाध्यक्ष का पर कतर दिया है. पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी की जगह सुभांकर सरकार को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है. लोकसभा चुनाव में खुद अधीर रंजन चौधरी हार गए थे. वह बहरामपुर से चुनाव मैदान में थे. राज्य में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली है. मालदा दक्षिण लोकसभा सीट से इशा खान चौधरी को जीत मिली है.
लोकसभा में खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अधीर रंजन ने इस्तीफा दे दिया था. लोकसभा चुनाव में राज्य में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने के पीछे अधीर रंजन चौधरी का विरोध सबसे बड़ा कारण था. अधीर रंजन चुनाव नतीजे आने के बाद भी ममता बनर्जी के प्रति नरमी बरतने के पक्ष में नहीं थे. इससे कांग्रेस नेतृत्व के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई थी. कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल कांग्रेस को इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनाकर चल रही है. लेकिन, राज्य स्तर पर उसके नेता तृणमूल के खिलाफ सड़क पर उतर रहे थे.
सरकार अभी तक कांग्रेस महासचिव के पद तैनात थे. सरकार पर राज्य में कांग्रेस को खड़ा करने और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के साथ रिश्तों को लेकर एक लाइन लेने की जिम्मेदारी होगी.
जम्मू-कश्मीर में दो कार्यवाहक अध्यक्ष
इसके साथ ही कांग्रेस ने चुनावी राज्य जम्मू-कश्मीर के लिए दो नए कार्यवाहक कार्यकारी अध्यक्ष बनाए. ये दो नेता हैं एम के भारद्वाज और भानु महाजन.
FIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 23:22 IST