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कांगड़ा के ब्रजेश्वरी देवी मंदिर में गिरा था मां सती का वक्षस्थल, तीन धर्मों की एकता का है प्रतीक

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कांगड़ा: भारतवर्ष के 51 शक्तिपीठों में से एक हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित ब्रजेश्वरी देवी का मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यहां माता भगवान शिव के रूप भैरव नाथ के साथ विराजमान हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था. मां का यह धाम नरगकोट के नाम से भी प्रसिद्ध है.जानकार बताते हैं कि 1905 में जब कांगड़ा जिला में भयानक भूकंप आया था तो उस समय मंदिर का एक हिस्सा जहां मां तारा देवी का मंदिर बनाया गया है. वहां पर भूकंप की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ. जिसे माता रानी की महिमा माना जाता है.

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शंकर की अर्धांगिनी देवी सत्ती का जब तिरोभाव (देहावसान) हुआ तो भगवान शिव उन्हें अपनी भुजाओं में उठाकर बदहवास होकर तीनों लोकों में विचरण करने लगे. उन्हें ऐसा करते देख त्रिलोक के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सत्ति के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए, जो इस ब्रह्मांड के कई हिस्सों में जाकर गिरे. उन्हीं टुकड़ों में से एक टुकड़ा मां के वक्ष स्थल का भी हुआ जो कि इसी स्थान पर आकर गिरा, जहां आज मां का भव्य मंदिर कोट कांगड़े के नगरकोट धाम वाली मां बज्रेश्वरी देवी के नाम से देश-दुनिया में मशहूर है.

तीन धर्मों की एकता का प्रतीक
इस मंदिर के तीन गुबंद हिंदू’ सिख, मुस्लिम एकता का प्रतीक बताए जाते हैं जो तीनों धर्मों को एक साथ दर्शा कर देश की संस्कृति की विविधता को भी दर्शाते हैं.मां बज्रेश्वरी देवी के मंदिर परिसर में पहुंचते ही सबसे पहले श्रद्धालुओं की नजर मंदिर के स्ट्रक्चर पर जाती है, जिसकी कारिगरी में कोई अजब करिश्मा नहीं बल्कि वो रहस्य है. मंदिर का स्ट्रक्चर तीन धर्मों के पूजाघरों को जोड़कर बनाया गया है. श्रद्धालू मंदिर गर्भगृह से करीब पचास फीट पहले यानी मंदिर के मुहाने में एंट्री मस्जिद से करते हैं. फिर दस फीट के बाद वहीं गुरुद्वारे की छत के नीचे होते हैं और फिर जाकर मंदिर की छत के तले आते हैं. इस मंदिर को सर्वधर्म एकता मंदिर के तौर पर भी देखा जाता है.

बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु आते हैं दर्शन करने
इस मंदिर के पुजारी सुशील कुमारने बताया किबौद्ध धर्म के अनुयायी मंदिर के साथ वटवृक्ष के पास बैठकर कई सालों से साधना करते आ रहे हैं. यहां बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु आते हैं क्योंकि धर्मशाला से 14 किमी की दूरी पर धर्मगुरु दलाई लामा की नगरी है. जहां से यह भिक्षु अक्सर ब्रजेश्वरी मंदिर आते हैं. यूपी के मुस्लिम समुदाय के लोग भी यहां माता के दर्शन करने के लिए आते हैं.यह शक्तिपीठ अपने आप में कई किस्से कहानियां समेटे बैठा है. लेकिन हर धर्म के लोगों की इस शक्तिपीठ में आस्था दिखती है.

Tags: Dharma Aastha, Himachal news, Hindu Temples, Kangra News, Local18



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