झारखंड. मानव शरीर के कुछ ऐसे गंभीर रोग होते हैं, जिनका इलाज बेहद कठिन होता है. वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनका इलाज बेहद अचरज भरा होता है. इनमें से एक हैं डिमेंशिया. यह एक गंभीर मानसिक रोग है, जिसमें व्यक्ति की स्मरण शक्ति, सोचने-समझने की क्षमता में गंभीर गिरावट आती है. यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता में धीरे-धीरे कमी लाने वाला विकार है, जो अंततः व्यक्ति की सामान्य जीवनशैली को प्रभावित करता है. इस रोग में सबसे आम प्रकार अल्जाइमर है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट ने आसान इलाज बताने का प्रयास किया है.
क्या है डिमेंशिया का प्रभाव
झारखंड की राजधानी रांची स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइकेट्रिस्ट के प्रोफेसर व डॉक्टर अविनाश बताते हैं कि डिमेंशिया के मरीज अपनी यादें खोने लगते हैं, और उन्हें रोज़मर्रा के कामों को करने में भी कठिनाई होती है. यह रोग समय के साथ बढ़ता है और व्यक्ति की सामाजिक और पारिवारिक जिंदगी में भी समस्याएं उत्पन्न करता है. कुछ मामलों में व्यक्ति की भाषा, निर्णय लेने की क्षमता और यहां तक कि उसका व्यक्तित्व भी बदल सकता है. इस स्थिति का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.
क्या पहेलियां बूझने से होता है फायदा
कुछ शोध बताते हैं कि पहेलियां बूझना, शतरंज खेलना और दिमागी गतिविधियों में शामिल होना डिमेंशिया के विकास को धीमा कर सकता है. ये गतिविधियां मस्तिष्क को सक्रिय रखती हैं और मानसिक क्षमता को बढ़ावा देती हैं. हालांकि, यह पूरी तरह से डिमेंशिया को रोकने या ठीक करने का उपाय नहीं है, लेकिन यह मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है.
क्या दही खाने से होता है ठीक
दही के सेवन के बारे में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह दावा करता हो कि दही खाने से डिमेंशिया ठीक हो सकता है. हालांकि, दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स मस्तिष्क और आंत के बीच संबंध को सुधार सकते हैं और सामान्य स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन यह दावा करना कि दही खाने से डिमेंशिया ठीक हो सकता है, सही नहीं होगा.
क्या है विशेषज्ञ की सलाह
डिमेंशिया से निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए. नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम, स्वस्थ आहार, और मानसिक रूप से सक्रिय रहने वाली गतिविधियों में शामिल होना इस रोग के प्रभाव को कम कर सकता है. डिमेंशिया के लक्षणों का सामना कर रहे व्यक्ति को नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए.
Tags: Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 10:57 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.