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कितनी बार J&K की सत्ता में साथ रहे नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस, कितनी चली सरकार

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History of Coalition Politics in Jammu Kashmir: हरियाणा के उलट जम्मू-कश्मीर में उम्मीद के अनुरूप रुझान देखने को मिल रहे हैं. एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बढ़त मिलने का अनुमान था. रुझानों के मुताबिक अब की बार जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला की सरकार बनती दिख रही है. मतगणना शुरू होने के कुछ समय बाद नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पर कर लिया था. गठबंधन 51 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि उसे 90 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत है. ध्यान रहे साल 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है. राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. 

इस राज्य में लंबे समय से गठबंधन सरकारें रही हैं. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. गठबंधन ने दावा किया था कि वे अपने दम पर सरकार बना लेंगे. वहीं, भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों पर निर्भर थी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा था कि उसके समर्थन के बिना जम्मू-कश्मीर में कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार संभव नहीं है. लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के सामने सूबे की अवाम ने सभी अटकलों को झुठला दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 सीटों पर, कांग्रेस ने 32 सीटों पर, सीपीआई (एम) और जेके पैंथर्स पार्टी ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था. 1947 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पांच बार गठबंधन सरकार रही हैं. लेकिन केवल एक बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 2009 से 2014 तक का टर्म पूरा किया था. बाकी गठबंधन सरकारें अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी थीं.  

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आइए जानते हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने कब-कब गठबंधन सरकार बनाई और वो कितना चलीं..

1975 में पहली गठबंधन सरकार
जम्मू-कश्मीर में पहली गठबंधन सरकार 1975 में बनी थी. उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर शेख अब्दुल्ला के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ था. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच समझौते के बाद शेख अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन कांग्रेस ने 1977 की शुरुआत में अपना समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद 26 मार्च, 1977 से 9 जुलाई, 1977 तक जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन रहा. 

1984 में कांग्रेस ने शाह को बनाया सीएम
1982 में शेख अब्दुल्ला का निधन हो गया. उनके स्थान पर उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने. 1983 के चुनावों में फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व किया. पार्टी ने 46 सीटें जीतकर सरकार बनाई. कांग्रेस को 26 सीटें मिलीं. लेकिन एक साल बाद फारूक अब्दुल्ला के बहनोई गुलाम मोहम्मद शाह के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक धड़ा पार्टी से अलग हो गया. उसने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई जो 1986 तक चली. कांग्रेस ने गुलाम मोहम्मद शाह से समर्थन वापस ले लिया. छह मार्च, 1986 से सात नवंबर 1986 तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा. 

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2009 में उमर अब्दुल्ला बने मुख्यमंत्री
साल 2009 में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. नेशनल कॉन्फ्रेंस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. पीडीपी ने 21 और कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की. भाजपा को 11 और अन्य को दस सीटें मिलीं. कांग्रेस ने उमर अब्दुल्ला को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनवा दिया. उन्होंने पांच जनवरी, 2009 को राज्य की बागडोर संभाली. जम्मू-कश्मीर में नया इतिहास बना. अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी राज्य की शीर्ष सत्ता पर काबिज हुई. सबसे बड़ी बात ये रही कि इस गठबंधन सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया. 

2002 में बनी कांग्रेस-पीडीपी सरकार
इसके अलावा पीडीपी ने भी दो बार गठबंधन सरकार बनाई. पहली बार उसने 2002 में कांग्रेस के साथ तो दूसरी बार 2014 में भाजपा के साथ. 2002 में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव एकदम अलग थे. इन चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस विरोधी लहर थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस को पिछली बार की 57 से घटकर मात्र 28 सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस को 20 और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को 16 सीटें मिलीं. पैंथर्स पार्टी को चार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को दो, बसपा को एक और भाजपा को एक सीट मिली. कई निर्दलीय भी चुनाव में जीते. पीडीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई. पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस-पीडीपी में तीन-तीन साल तक सीएम बनाने का समझौता हुआ था. लेकिन जब कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री बने तो पीडीपी ने समर्थन वापस ले लिया. अमरनाथ भूमि विवाद के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य में फिर 11 जुलाई 2008 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. 

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2014 में पीडीपी-बीजेपी सरकार
जम्मू-कश्मीर में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कोई भी दल पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सका था. पीडीपी ने 28 सीटें और बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं. सीटों के लिहाज से पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें ही मिली थीं. दो बड़े दलों बीजेपी-पीडीपी ने गठबंधन में सरकार बना ली. महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं, लेकिन ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा ही नहीं कर सकी. साल 2018 में बीजेपी ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई. 

Tags: Congress, Dr Farooq Abdullah, Jammu Kashmir Election, Jammu kashmir election 2024, National Conference, Omar abdullah, Rahul gandhi



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