गिरिडीह: शहद, जिसे प्राचीन काल से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ है जो 500 साल तक खराब नहीं होता. इसका उपयोग न केवल खांसी और घाव भरने में किया जाता है, बल्कि इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं. आजकल, शहद की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है. गिरिडीह जैसे क्षेत्रों में, जहां विविध प्रकार के पौधे और फूल पनपते हैं, मधुमक्खी पालन करने से किसान न केवल अच्छी आमदनी कर सकते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं. आइए, जानते हैं शहद और मधुमक्खी पालन के अद्भुत लाभों के बारे में.
सुबह का हेल्थ ड्रिंक
सुबह के समय शहद का सेवन एक हेल्थ ड्रिंक के रूप में किया जा सकता है. यह मेटाबॉलिज्म को सही रखने में मदद करता है और मोटापे को कम करने में सहायक होता है. इसी कारण शहद की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.
गिरिडीह का अनुकूल वातावरण
गिरिडीह मधुमक्खी पालन के लिए एक बेहतरीन जगह है. यहां तुलसी, वनतुलसी, पलास, जामुन, कुसुम, और सरसों जैसे कई पौधों के फूल मौजूद हैं. मधुमक्खियां इन फूलों के रस को एकत्र करके शहद तैयार करती हैं.
मधुमक्खी पालन की विधि
मधुमक्खी पालन करके किसान 1 से 2 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकते हैं. अक्टूबर से मार्च के बीच का समय मधुमक्खी पालन के लिए सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि इस दौरान रबी फसलें होती हैं जिनमें फूल होते हैं.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. पंकज सेठ का कहना है कि किसान लकड़ी या टिन के बॉक्स बनाकर मधुमक्खी पालन कर सकते हैं. भारत में एपीस इंडिका, कोर्निकिया, और डोरसोटा जैसी मधुमक्खियाँ इस कार्य के लिए उपयुक्त हैं.
रॉयल जेली का मूल्य
मधुमक्खी के छत्ते में मिलने वाला रॉयल जेली बेहद कीमती होता है, जिसका मार्केट में दाम 40,000 रुपए प्रति किलो है. इसे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है. किसान अधिक जानकारी और ट्रेनिंग के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. यहां मधुमक्खी पालन के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे किसान अधिक लाभ उठा सकते हैं. शहद और मधुमक्खी पालन केवल आर्थिक लाभ का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवनशैली का भी प्रतीक हैं. किसान अगर सही तरीके से इस क्षेत्र में कदम रखते हैं, तो वे न केवल अच्छी कमाई कर सकते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 29, 2024, 17:46 IST