शक्ति सिंह / कोटा: खेल हमारे देश के समग्र विकास के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है. भारत ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों के क्षेत्र में लगातार प्रगति की है. खेलो इंडिया के तहत युवा प्रतिभाओं को प्रेरित कर उन्हें बेहतरीन बुनियादी ढांचा और उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण दें रही है. कोच बताते है हमें खेलों में भागीदारी की एक मजबूत भावना पैदा करने की आवश्यकता है जो खिलाड़ियों को उनकी वास्तविक क्षमता का प्रदर्शन करने में सक्षम बनाती है. तभी भारत एक खेल महाशक्ति बनने के अपने सपने को साकार कर सकता है.
भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम शुरू किया गया है. जिसके तहत अलग-अलग जिलों में खेलों की एकेडमी शुरू की गई है जहां अलग-अलग जिलों के बच्चे विभिन्न खेलों की प्रैक्टिस करते हैं. राजस्थान के कोटा में पहली बॉक्सिंग एकेडमी शुरू हुई जहां पर राजस्थान के अलग-अलग जिलों के खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं और इन्हें ट्रेड करते हैं पूर्व नेशनल खिलाड़ी बॉक्सिंग कोच प्रीतम सिंह.
राजस्थान की पहली बॉक्सिंग अकादमी
प्रीतम सिंह ने बताया कि राजस्थान की पहली बॉक्सिंग अकादमी खेलो इंडिया के तहत कोटा में शुरू की गई है यहां पर विभिन्न जिलों के खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं यहां के कई खिलाड़ी जो की स्टेट लेवल पर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल तक हासिल कर चुके हैं तो वहीं नेशनल लेवल पर भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं. यहां के बॉक्सिंग खिलाड़ी पहला गोल्ड पुष्पेंद्र सिंह का 2023 में रहा कोटा से इससे पहले किसी भी खिलाड़ी का नहीं था. यहां का जूनियर बॉक्सिंग खिलाड़ी नेशनल मेडलिस्ट है. वर्ल्ड चैंपियनशिप की ट्रायल के लिए यहां की गर्ल्स प्लेयर जा चुके हैं. 6 जूनियर टूर्नामेंट दोसा जिले में हुई जहा पर खेलो इंडिया के तहत 3 गर्ल्स के 3 गोल्ड थे. जिन खिलाड़ियों के स्टेट में गोल्ड है उनका अब एशिया चैंपियनशिप की ट्रायल के लिए अबु दुबई भेजा जाएगा.
ऐसे बने कोच
प्रीतम सिंह ने बताया कि वह 2012 से बॉक्सिंग खेल से जुड़े हुए हैं 2019 तक बॉक्सिंग खेलते थे. कोरोना के बाद बॉक्सिंग कोच बन गए खुद की अकादमी खोल बच्चों को बॉक्सिंग सीखा लगे. 2023 में गवर्नमेंट की खेलो इंडिया के तहत कोटा में अकादमी खुली जहां पर बतौर बॉक्सिंग कोच सिलेक्शन हुआ. अब यहां पर हम खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं जो की नेशनल इंटरनेशनल लेवल पर बॉक्सिंग में कोटा ही नहीं देश का नाम रोशन करेंगे.
FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 22:57 IST