टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीफा को फाइनल मैच में हराकर टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया है. भारत ने 17 साल बाद टी20 क्रिकेट के विश्व विजेता का ताज अपने नाम कर लिया. हालांकि टीम इंडिया के लिए जीत आसान नहीं रही और एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट इतिहास में एक नई इबारत लिखने जा रहा है. हालांकि प्रोटियाज टीम एक बार फिर चोकर्स के तमगे से निजात नहीं पा सकी. साउथ अफ्रीकन फैंस के मस्तिष्क में क्लासेन से लेकर क्लूजनर तक के दृश्य ताजा हो गए, जब टीम आखिरी के ओवर में लगभग जीती हुई बाजी हार गई.
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के इस फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीकन टीम को आखिरी के 30 गेंदों पर 30 रन की जरूरत थी और 6 विकेट हाथ में थे. हेनरिक क्लासेन ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर रहे हैं. 15वां ओवर डालने आए अक्षर पटेल की तो उन्होंने जमकर कुटाई कर दी. उस एक ओवर में प्रोटियाज टीम ने 24 रन हासिल कर लिए. इस विशाल ओवर के बाद ऐसा लग रहा था कि दक्षिणी अफ्रीकी टीम विश्व विजेता के सिंहासन से बस कुछ ही कदम दूर है.
टीम इंडिया पर मंडरा रहा था हार का खतरा
भारतीय फैंस से भरे बारबडोस के मैदान बिल्कुल सन्नाटा छा गया. सभी को यह डर सताने लगा कि टी-20 वर्ल्ड कप एक बार फिर अपने नाम करने का सपना चूर हो जाएगा. हालांकि ये दक्षिण अफ्रीफी टीम थी, जो आखिरी के ओवरों के दबाव में ढहने के लिए बदनाम है. इसी कारण इसे चोकर्स का तमगा भी दिया जाता है और विश्व कप फाइनल में फिर एक बार यह टीम चोक कर गई.
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मैच के 16वें ओवर में टीवी पर दिखाई जा रहे आंकड़ों में 92% लोगों को प्रोटियाज की जीत का यकीन था. हालांकि फिर हार्दिक पंड्या 17वां डालने आए और पहली ही गेंद पर क्लासेन को चलता कर दिया. इस एक विकेट ने टीम इंडिया के साथ-साथ सभी फैंस में एक नया जोश भर दिया और यहीं से दक्षिण अफ्रीकी टीम दवाब में ढहती चली गई. एक वक्त जीत की दहलीज से महज कुछ दूर प्रोटियाज टीम 7 रन से यह मैच हार गई.
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वर्ल्ड कप में रहा खराब रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका की टीम हमेशा से ही मजबूत मानी गई है, लेकिन विश्व कप जैसे खिताबी मुकाबलों में इस टीम के धराशायी का बुरा रिकॉर्ड रहा है. इसकी एक बानगी अब तक खेले गए कुल 18 वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप में अफ्रीकी टीम पहली बार फाइनल मुकाबले तक पहुंच पाई. वहीं 7 बार उसे सेमिफाइनल में शिकस्त झेलना पड़ा, जबकि 10 बार तो वह उससे पहले ही बाहर हो गई थी.
क्लूजनर कभी नहीं भूलेंगे वह रन आउट
प्रोटियाज़ टीम ऐसे क्लोज मैच में हारने के लिए बदनाम रही है. इसमें 1999 के वनडे वर्ल्ड कप का सेमिफाइनल मुकाबले में मिली हार तो शायद ही कोई क्रिकेट फैन भूला होगा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में साउथ अफ्रीकन टीम को जीत के लिए लास्ट ओवर में 9 रनों की जरूरत थी और उसका आखिरी विकेट ही बचा था. पिच पर घातक ऑल राउंडर लांस क्लूजनर के साथ तेज गेंदबाद एलन डोनाल्ड थे.
क्लूजनर ने आखिरी ओवर की पहली 2 गेंदों पर 2 चौके लगाकर स्कोर बराबर कर दिया. एक प्रोटियाज़ टीम को जीत के लिए 4 बॉल पर महज 1 रन चाहिए थे. दक्षिण अफ्रीकी फैंस खूशी में झूम रहे थे. हालांकि फिर कुछ ऐसा हुआ जिस पर किसी के लिए यकीन करना मुश्किल होगा. चौथी गेंद पर क्लूजनर ने तेजी से रन चुराने की कोशिश की, लेकिन डोनाल्ड का उसमें साथ नहीं सका और वह रन आउट हो गए. इस तरह दक्षिण अफ्रीकी टीम के दसों विकेट गिर चुके थे और जीता हुआ मैच टाइ हो गया था. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फाइनल मुकाबले में जगह बना ली और पाकिस्तान को हराकर वह खिताब अपने नाम कर लिया.
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FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 07:58 IST