खंडवा. खंडवा में बिली के काटने वाले केस बढ़ रहे हैं. बता दें कि हर साल 250 से 300 लोगों को जंगली बिल्ली काट रही हैं. इसकी वजह से हर महीने 30 से 35 मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. इससे कई लोगों को इंजेक्शन लग रहे हैं. आज हम जानेंगे कि बिल्ली काटने के केस इतने क्यों बढ़ रहे हैं. बता दें कि बिल्ली के काटने को आम तौर पर मामूली माना जाता है, लेकिन अगर पागल बिल्ली द्वारा काटा जाए तो इससे गंभीर संक्रमण और रेबीज हो सकता है.
डॉक्टर योगेश शर्मा ने बताया कि इसके सामान्य लक्षणों में प्रभावित क्षेत्र के आसपास दर्द और सूजन शामिल है. बिल्लियां कभी-कभी तब भी हमला करती हैं, जब वे अत्यधिक उत्तेजित होती हैं और अकेली रहना चाहती हैं. दूसरा कारण यह है कि अगर वे दर्द में हैं. अगर आपकी बिल्ली अचानक आप पर हमला करना शुरू कर देती है तो मतलब वह दर्द में है.
1 महीने में करीब 25 से 30 बिल्ली के काटने के केस
डॉक्टर ने बताया कि 1 महीने में करीब 25 से 30 केस बिल्ली के काटने के सामने आते हैं , और साल में 300 केस बिल्ली के काटने के आ जाते हैं. नेशनल रेबिट्स कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत जितने भी बिल्ली के काटने के केस हैं उनको ARV देते हैं. केटेगिरी 3 के अंतर्गत बिल्ली, बंदर, कुत्ता और भी जंगली जानवर आते हैं. उनके द्वारा अगर काटने पर खून निकलना चालू हो जाता है तो उसको केटेगिरी 3 में लेते है.
उन्होंने बताया कि जहां काटा जाता है वहां हीमोग्लोबिन इंट्रा मस्कुलर एंजेशन दिया जाता है. साथ ही ARV दिया जाता है. बिल्ली से बचने के लिए उसे परेशान नहीं करना चाहिए, उसे भरपेट खाना खिलाना चाहिए. किसी भी जानवर को परेशान करेंगे तो वह काट सकता है इसलिए सतर्कता हमेशा बरतना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 13:30 IST