इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर को एजुकेशन हब कहा जाता है, यहां आए दिन विद्यार्थियों के लिए लगातार नए-नए विकास किए जा रहे हैं. लेकिन अब इस विकास में नवाचार आया है, ये नवाचार है कि अब विदेशी छात्र भी इंदौर में पढ़ाई कर सकेंगे. जहां पहले इंदौर के छात्र विदेश में पढ़ने के लिए जाते थे, वहीं अब विदेश के छात्र भी इंदौर में पढ़ने का मौका मिलेगा. दरअसल, फोरन की किसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे छात्र आईआईटी इंदौर में आकर भी पूरा एक सेमेस्टर पढ़ सकेंगे.
आईआईटी इंदौर के जो छात्र किसी अन्य देश में जाकर पढ़ना चाहेंगे, उन्हें भी संस्थान एक सेमेस्टर वहां पढ़ने का मौका देगा. इसके लिए कुछ शर्ते भी हैं. उसी आधार पर आईआईटी दोनों तरफ के छात्रों को फैलोशिप देगा. इसके लिए बाकायदा आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हर साल कुछ छात्र आईआईटी से बाहर अन्य देशों में जाकर एक सेमेस्टर (पीएचडी छात्र 3 महीने) पढ़ाई या रिसर्च कर सकेंगे. इसका खर्च आईआईटी वहन करेगा.
15 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे. ऐसे होगा चयन छात्रों का चयन सिलेक्शन कमेटी द्वारा किया जाएगा. इसके बाद वीसा और बाकी की प्रक्रिया पूरी होगी. अंडर ग्रेजुएट कोर्स के छात्र सातवें और आठवें सेमेस्टर में जबकि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के छात्र तीसरे व चौथे सेमेस्टर में आवेदन कर सकते हैं. यूजी- यूजी-पीजी छात्र इस सेमेस्टर भी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे. बाहर से आने वाले स्टूडेंट के लिए शर्त यह है कि उन्हें प्रमाणित यूनिवर्सिटी का छात्र होना चाहिए.
विदेशी यूनिवर्सिटी आईआईटी इंदौर का एमओयू
आईआईटी इंदौर की दुनियाभर की कई यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप भी है. इसमें एशिया के ताइवान, जापान और थाईलैंड के साथ आईआईटी इंदौर का समझौता है. वहीं यूरोप में फ्रांस, इटली, पोलैंड, जर्मनी, स्लोवाकिया, स्वीडन, नॉर्वे, हंगरी, ग्रीस और लक्जमबर्ग की यूनिवर्सिटी के साथ भी आईआईटी इंदौर का टाईअप है. अमेरिका में 110 यूनिवर्सिटीज और कनाडा की भी एक यूनिवर्सिटी के साथ आईआईटी इंदौर की पार्टनरशिप है, जबकि ऑस्ट्रेलिया की तीन और साउथ अफ्रीका की एक यूनिवर्सिटी से भी समझौता है. इन यूनिवर्सिटी से आने व यहीं जाने वाले स्टूडेंट्स को प्राथमिकता दी जाएगी.
पिछले साल पीएचडी के पहुंचे थे ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन
पिछले साल यूजी पीजी के लिए इथियोपिया के 5 छात्र व पीएचडी के लिए अलग-अलग देशों के 10 रिसर्चर आईआईटी पहुंचे थे. वहीं आईआईटी के यूजी-पीजी के 5 छात्रों व 10 पीएचडी स्कॉलर्स को फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन, रोमानिया, साउथ कोरिया, थाईलैंड, अमेरिका, सिंगापुर व जापान में जाकर पढ़ने का मौका मिला था. इसके लिए हर साल अलग से बजट भी निर्धारित किया जाता है. छात्रों की फ्लाइट व पीएचडी स्कॉलर को स्टायपंड दिया जाता है.
यूजी, पीजी स्टूडेंट के लिए
• आईआईटी में आने वालों के लिए सीट 5
• आईआईटी के स्टूडेंट के लिए फैलोशिप – 10
• अवधि 3 महीने से लेकर एक सेमेस्टर तक फाइनेंशियल सपोर्ट
• अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के लिए 1.2 लाख रुपए
• यूरोप, यूके, अफ्रीका और जापान के लिए 1 लाख रु.
पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए
• आईआईटी में आने वालों के लिए सीट – 10
• आईआईटी के स्टूडेंट के लिए सीट 10
– अवधि 1 से 3 महीने फाइनेंशियल सपोर्ट – अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के लिए 1.2 लाख रुपए.
• यूरोप, यूके, अफ्रीका और जापान के लिए 1 लाख रुपए.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 16:20 IST