हजारीबाग: खरपतवार की समस्या किसानों को हमेशा से परेशान करती आ रही है. इसके कारण फसल की पैदावार कम हो जाती है. फसलों में नए रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. मिट्टी के पोषक तत्व में कमी भी आ जाती है. लेकिन, खरपतवार में गाजर घास सबसे खतरनाक मानी जाती है. यह घास तेजी से खेत में फैलती है. इससे कई प्रकार की फसलों को नुकसान पहुंचता है.
हजारीबाग के तरबा खरवा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है. गाजर घास की वजह से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसके कारण फसल के उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत की कमी आ सकती है. अगर सही समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो ये तेजी से एक खेत से दूसरे खेत में फैल सकती है.
गाजर घास को नष्ट करना आसान नहीं
आगे बताया, गाजर घास को आसानी से नष्ट भी नहीं किया जा सकता. इस कारण ये हर फसल में देखने को मिल जाती है. ये घास कम ऊंचाई वाली फसलों को अधिक नुकसान पहुंचा सकती है. डॉक्टर ने बताया कि इसका सबसे बेहतर उपचार है कि सही समय पर इसे हाथों से निकालकर कहीं खेत के बाहर गाड़ दें. एक बार पौधा बढ़ने के बाद इसमें दाने निकल आते हैं, जो सूख कर पूरे खेत में फैल सकते हैं.
दवा का प्रयोग कर सकते हैं…
इसके अलावा दवा के माध्यम से गाजर घास का निपटारा कर सकते हैं. इसके लिए एट्राजिन या Toford दवा का उपयोग किसान अपने खेतों में कर सकते हैं. लेकिन, इससे फसलों को नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है. बेहतर हो गाजर घास की पहचान कर उसे उखाड़ें और जमीन में गाड़ दें.
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 20:04 IST