भीलवाड़ा. अक्सर देखा गया है कि खेत में काम करते समय किसानों के साथ दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिससे कभी-कभी उनकी असमय मृत्यु तक हो जाती है. इसका असर न केवल उनके परिवार पर पड़ता है बल्कि उनकी जमीन और फसलों पर भी होता है. इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए अलग-अलग दुर्घटनाओं पर मुआवजे की अलग-अलग राशि दी जाती है.
अब 14 अक्टूबर से राजस्थान राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना के तहत सहायता राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है. कृषि शासन सचिव अशोक कुमार मीणा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हड्डी टूटने या सिर पर चोट लगने से कोमा में जाने पर पहले मिलने वाली 50 हजार रुपये की राशि अब बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है. कृषि उपज मंडी समिति सचिव महिपाल सिंह ने कहा कि बोर्ड के कृषि उपज मंडी समितियों के लिए यह आदेश जारी करने के बाद अब योजना का नाम बदलने से किसानों व खेतीहर मजदूरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. बोर्ड ने कृषि उपज मंडी समितियों के माध्यम से कृषकों, खेतीहर मजदूरों की कृषि कार्य करते समय दुर्घटनाओं के बाद उन्हें पूर्व में दी जाने वाली सहायता राशि व उनके नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है. अब योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना है बदलने के बाद भी पूर्व के नियमों के तहत ही आश्रितों को सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी.
इतने रुपए का मिलेगा लाभ
कृषि उपज मंडी समिति सचिव महिपाल सिंह ने कहा कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का नाम अब बदल कर मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना किया और कोमा में जाने पर 50 हजार की जगह 2 लाख रुपए किए गए हैं. योजना में कृषि कार्य करते समय किसानों के दुर्घटनाग्रस्त होने, अंग भंग और मृत्यु होने पर 5 हजार से लेकर 2 लाख तक की सहायता कृषि उपज मंडी समिति की ओर से प्रदान की जाती ऐसे में यह योजना किसानों के लिए वरदान बनी हुई है.
FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 20:48 IST