सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: जिले में विगत हफ्ते तेंदुए के हमले के बाद प्रशासन द्वारा उसे पकड़कर भेजा जा चुका है. लेकिन इसके बाद भी कई दिनों से जिले के विभिन्न स्थानों से जंगली जानवर आने की अफवाह पर आसपास गांव के लोगों में भय का माहौल है. ऐसे में एक खेत में जंगली जानवर के पग चिह्न के निशान मिले. जिससे ग्रामीणों में हडकंप मच गया. किसान खेत में फावड़ा छोड़ भाग निकले. जिसके बाद किसानों द्वारा सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पग चिह्न की जांच की गयी और मामला कुछ और ही निकला.
पिछले एक सप्ताह पूर्व मऊदरवाजा थाना के जसमई गांव ने तेंदुए के आने के बाद जिलेभर में लोगों में खौफ पैदा हो गया. वहीं विगत दिन कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव नसरतपुर में ग्रामीणों ने चीता आ जाने की बात कहकर शोर मचा दिया. जिस पर तुरंत ग्रामीण हाथों में लाठी डंडे लेकर गांव के पश्चिम दिशा की ओर खेतों की तरफ एकत्रित हो गए. ऐसे में गांव में महिलाओं ने बच्चों को कैद कर लिया. इस सूचना को सुनकर आसपास गांव रानूखेड़ा, नगरिया देवधरापुर, बिचपुरी, करीमगंज आदि के ग्रामीण भी सतर्क हो गए. ऐसे में गांव के शमीम व मुर्शीद के खेतों में जानवर के पग चिह्न मिले. इस पर ग्रामीणों ने यूपी 112 पुलिस को सूचना दी. जानकारी पर वन विभाग के दरोगा राहुल कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे.
दरोगा ने खेत में पहुंच पग चिश्नों की जांच की, जिस पर उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि चीते के निशान नहीं हैं. ऐसे में किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें. यहां कहीं भी चीता या तेंदुआ नहीं है. इसलिए फिर भी सतर्क रहें. वहीं वन दरोगा राहुल कुमार ने बताया कि पैरों के निशान चीता, तेंदुए या शेर आदि के नहीं हैं. बल्कि सियार के लगते हैं.
ओएसडी प्रत्यूष कटियार ने बताया कि जिले में जब भी किसी स्थान से जानवरों के पहुंचने की जानकारी मिलती है. तो वह तत्काल मौके पर पहुंचकर समस्या का समाधान किया जाता है. वहीं जिस प्रकार जिले में जानवरों के पग चिन्ह मिलने की सूचना मिली, तो वहां पर टीम ने पहुंचकर जांच की. जिसमें वह पग चिन्ह तेंदुए के नहीं मिले हैं. इसके कारण जिले के ग्रामीणों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है. इसके साथ ही अगर कहीं से भी ऐसी जानकारी मिलती है, तो तत्काल सूचित करें. जिससे टीम मौके पर पहुंचकर जांच करेगी.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 07:34 IST