वैशाली: सबलपुर दियारा गांव में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश और गंगा व गंडक नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है. इस बाढ़ ने गांव के किसानों की खेती को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. खासकर केला की बागवानी करने वाले किसान उमेश कुमार तिवारी का 10 एकड़ का केला का खेत पूरी तरह नष्ट हो गया है. उनके पूर्वज भी इस खेती में शामिल थे, और उमेश ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया था.
प्रति वर्ष उमेश तिवारी के केला खेत से 20 लाख से अधिक की कमाई होती थी, लेकिन इस बार बाढ़ के कारण उनका पूरा उत्पादन बर्बाद हो गया. पानी के घुसने से केला के पौधे गिरने लगे, और अब वे किसी तरह नुकसान को कम करने के लिए केले को सस्ते दामों पर बाजार में बेचने को मजबूर हैं.
गांव में दो महीने तक बाढ़ का कहर जारी रहने की संभावना है, जिससे किसान बहुत परेशान हैं. कुछ लोग गांव छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं, जबकि अन्य ऊंचे स्थानों पर जाकर शरण ले रहे हैं. उमेश कुमार तिवारी भी अपने परिवार के साथ ऊपरी इलाके में रह रहे हैं और अपने खेतों से केले काटकर बेच रहे हैं ताकि कुछ पूंजी वापस मिल सके.
इस बाढ़ ने न केवल केला की खेती को, बल्कि अन्य फसलों को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, जिससे गांव के लोग गंभीर संकट में हैं. बाढ़ के कारण गांव की सामान्य जीवनचर्या पूरी तरह से बाधित हो गई है, और लोग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 22:30 IST