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गुमला में रामनवमी अखाड़ा से हनुमान मंदिर तक का सफर, 22 जनवरी से शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा समारोह

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Gumla Hanuman Mandir: गुमला का संकट मोचन हनुमान मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करेगा. तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह हनुमान जी के भक्तों के लिए एक यादगार अनुभव होगा.

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गुमला के इस रामनवमी अखाड़ा से पैदल करतब करते रामगढ़ तक जाते थे लोग,अब यहां किया

गुमला: झारखंड का गुमला जिला, जिसे हनुमान जी की जन्मस्थली माना जाता है, इस बार एक खास आयोजन का गवाह बनने जा रहा है. यहां के साप्ताहिक बाजार टांड़ स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय समारोह 22 जनवरी 2025 से शुरू होगा. इस आयोजन के साथ, न्यू विशाल क्लब गुमला की सांस्कृतिक विरासत को और भी जीवंत बना रहा है.

रामनवमी अखाड़ा से मंदिर तक का सफर
न्यू विशाल क्लब के अध्यक्ष विनोद विश्वकर्मा ने बताया कि यह स्थान पहले रामनवमी अखाड़ा के रूप में जाना जाता था. 1981 में क्लब ने इस अखाड़ा की स्थापना की थी, जहां से हर साल रामनवमी पर झांकियां और खेल-कूद के करतब किए जाते थे. इस अखाड़ा ने गुमला, रामगढ़, और रांची जैसे स्थानों पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए प्रशंसा अर्जित की. अब इस ऐतिहासिक अखाड़ा को मंदिर का रूप देकर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की जा रही है.इस मंदिर में स्थापित की जाने वाली हनुमान जी की मूर्ति को जयपुर से मंगाया गया है.मूर्ति का निर्माण मकराना पत्थर से हुआ है. यह 5 फीट ऊंची है और इसकी सुंदरता मनमोहक है.मूर्ति की स्थापना के लिए विशेष तैयारी की जा रही है.

तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कार्यक्रम
पहला दिन (22 जनवरी 2025):
कलश यात्रा का आयोजन:
सुबह 8 बजे माताओं और बहनों द्वारा कलश यात्रा निकाली जाएगी.
यह यात्रा वन तालाब से शुद्ध जल लेकर नगर भ्रमण करते हुए मंदिर तक पहुंचेगी.
इसके बाद मंदिर में मूर्ति की स्थापना और पूजन कार्य किया जाएगा.
दूसरा दिन (23 जनवरी 2025):
दिनभर पूजा-अर्चना होगी.
शाम 6 बजे से 24 जनवरी सुबह 6 बजे तक अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया जाएगा.
तीसरा दिन (24 जनवरी 2025):
हनुमान चालीसा पाठ: शाम 6 बजे से.
जागरण: शाम 7 बजे से.
पूरे दिन भंडारा और प्रसाद वितरण.
मंदिर की स्थापना से जुड़ी भावनाएं
संस्थापक सदस्य शंभू सिंह ने बताया कि 1978 में यहां जीवन ज्योति क्लब ने सरस्वती पूजा की शुरुआत की थी.

1981 में इसे न्यू विशाल क्लब का नाम दिया गया.रामनवमी पूजा और झांकियां गुमला की सांस्कृतिक पहचान बन गई थीं.अब मंदिर की स्थापना इस सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत बनाएगी. पूर्व वार्ड पार्षद हरजीत सरदार ने कहा कि हनुमान जी की मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हमारे लिए गर्व की बात है. यह आयोजन गुमला के लोगों को एकजुट करेगा और भक्ति का संदेश फैलाएगा.

भक्ति और संस्कृति का संगम
हनुमान जी के भक्त इस तीन दिवसीय आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.गांव-गांव जाकर महिलाओं को इस आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण दिया जा रहा है. मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भक्ति और सांस्कृतिक गतिविधियों का संगम देखने को मिलेगा.

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रामनवमी अखाड़ा से हनुमान मंदिर तक का सफर, 22 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा शुरू



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