सतना: चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छात्रा अंजलि सोनी ने विवि प्रशासन पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है और एक वीडियो भी जारी कर दिया है. अंजलि का कहना है कि गोल्ड मेडल के लिए पात्र होने के बावजूद उन्हें दरकिनार कर दिया गया. इस मुद्दे में पक्षपात हुआ है. मामला जब उपराष्ट्रपति तक पहुंचा तो वहां से जांच के आदेश आ गए.
वहीं वीडियो के जरिए छात्रा ने सोशल मीडिया पर मार्मिक अपील भी कर दी है. साथ ही राज्यपाल और कुलपति से न्याय की गुहार लगाई है. अंजली का आरोप है कि वह 10 महीने से न्याय के लिए चक्कर काट रही है, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. इसके अलावा 16 अक्टूबर को अंजलि ने राज्यपाल से मिलने का समय भी मांगा था, लेकिन जानकारी के अनुसार, राज्यपाल से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी है.
जानें गोल्ड मेडल विवाद
विवाद की जड़ 2022-23 के बीएससी बायोलॉजी के टॉपर को गोल्ड मेडल देने को लेकर है. जानकारी के अनुसार, अंजलि सोनी बिना किसी बैक पेपर के सेकंड टॉपर बनी थीं, जबकि किरण तिवारी नाम की छात्रा, जिन्होंने एक बैक पेपर के बाद टॉप किया था, उनको गोल्ड मेडल के लिए चुना गया. ग्रामोदय विश्वविद्यालय की नियमावली के अनुसार, बैक पेपर वाले छात्र को गोल्ड मेडल नहीं दिया जा सकता. इसी नियम का हवाला देते हुए अंजलि ने गोल्ड मेडल के लिए दावा ठोका था, लेकिन विश्वविद्यालय ने किरण तिवारी को यह सम्मान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
कैसे पहुंचा मामला उपराष्ट्रपति तक?
गोल्ड मेडल विवाद को लेकर अंजलि ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार न्याय की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. थक-हार कर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपील करते हुए राज्यपाल और उपराष्ट्रपति से न्याय की मांग की. उप राष्ट्रपति के सचिवालय से राजेश कुमार ने इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है. कुलपति और कुलसचिव ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. अंजलि सोनी का वीडियो वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय में हलचल मची हुई है. लेकिन, प्रशासन अभी भी मामले पर चुप्पी साधे हुए है. राज्यपाल के 16 अक्टूबर के दौरे पर अंजलि ने उनसे मुलाकात का समय मांगा था, परंतु मुलाक़ात संभव नहीं हो सकी.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 22:06 IST