नीरज कुमार /बेगूसराय: हवन, भारतीय धार्मिक अनुष्ठानों का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह लखपति बनने का जरिया भी हो सकता है? बेगूसराय की आशा देवी ने इसी परंपरागत हवन सामग्री से अपना व्यवसाय शुरू कर लाखों की कमाई का रास्ता खोज निकाला. आशा देवी ने अपने स्टार्टअप को ‘दुर्गा जीविका स्वयं सहायता समूह’ नाम दिया है और आज वह अपने उत्पादों को बाजार में उतार रही हैं.
हवन सामग्री की पैकिंग और बाजार में उपलब्धता
बेगूसराय जिले के मेघौल गांव की रहने वाली आशा देवी हवन सामग्री की पैकिंग कर इसे बाजार में उपलब्ध करा रही हैं. आशा ने बताया कि हवन सामग्री के लिए आवश्यक सामग्री जैसे पीपल, नीम, आम, शमी, अर्जुन की लकड़ियां जंगलों से मुफ्त में मिल जाती हैं. इसके अलावा, शुद्ध घी, चावल, जौ, तिल, कपूर और अन्य आवश्यक वस्तुएं थोक मूल्य पर खरीदी जाती हैं. आशा और उनकी टीम में 5-6 जीविका दीदी मिलकर पैकिंग का काम करती हैं. उनके इस व्यवसाय को देखने के लिए लोकल 18 पर तस्वीरें भी उपलब्ध हैं, जो निर्माण प्रक्रिया को दिखाती हैं.
50 फीसदी मुनाफे की कमाई
जीविका सहयोगी रीना देवी के अनुसार, हवन सामग्री की बिक्री से 50 फीसदी का मुनाफा होता है. बेगूसराय और समस्तीपुर जिलों में उत्पादों की अच्छी बिक्री हो रही है और भविष्य में व्यवसाय को और बढ़ाने की योजना है. आशा के पति चंदन कुमार ने बताया कि वे कुम्हार से ₹20 में कलश लाकर पेंटिंग करते हैं और इन्हें ₹40-₹50 तक बेचते हैं. त्योहारों के सीजन में खासकर अक्टूबर से दिसंबर के बीच, 5-7 लाख रुपए तक की बिक्री होती है, जबकि अन्य महीनों में 1-1.5 लाख रुपये तक का कारोबार होता है.
खोदावंदपुर बीपीएम का सहयोग
आशा की इस सफलता में खोदावंदपुर बीपीएम, मनोज कुमार का अहम योगदान रहा है. उन्होंने समय-समय पर आशा की आर्थिक सहायता की, जिससे उनका व्यवसाय तेजी से बढ़ा. आशा देवी का यह सफर प्रेरणादायक है, जो साबित करता है कि परंपरागत व्यवसाय से भी लाखों की कमाई की जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 12:27 IST