गया : बढ़ती महंगाई के कारण खेती-किसानी में फसल की लागत प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे किसान परेशान होकर खेती से दूर होते जा रहे हैं. लेकिन कुछ सफल किसान हैं जो देसी तरीकों से बाजार की लागत कम कर रहे हैं. वो किसान जो जैविक खेती करते हैं या जीरो बजट प्राकृतिक खेती करते हैं ये किसान घर पर ही देसी तरीकों से खाद और परिष्कृत दवाएं तैयार करते हैं इसमें नाम मात्र की लागत आती है. इन तरीकों को अपनाकर किसान न सिर्फ शुद्ध अनाज का उत्पादन कर रहे हैं बल्कि अपनी खेती की लागत आधे तक कम कर रहे हैं. आप भी घर बैठे इस आसान तरीके से खाद तैयार कर सकते हैं.
आज हम जिस खाद के बारे मे बताने जा रहे हैं उसका नाम नीमास्त्र है. नीमास्त्र बनाने की विधि के बारे में गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड क्षेत्र के सैफगंज गांव की रहने वाली महिला किसान मुन्नी कुमारी से जानेंगे नीमास्त्र कैसै बनता है और इसका इस्तेमाल कौन से पेड पौधों में कर सकते हैं.
नीमास्त्र नीम से बनाने जाने वाला बहुत ही प्रभावी जैविक कीट विनाशकारी है, जो रसचूसक कीट एवं इल्ली ईएस कीटों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है. मुन्नी कुमारी गांव में ही बायो इनपुट दुकान चला रही है और खर पतवार से खाद तैयार कर किसानों को बेच रही हैं. रोजाना मुन्नी 10-15 लीटर नीमास्त्र की बिक्री कर लेती हैं और 500 रुपये तक बचत कर लेती है.
नीमास्त्र बनाने की सामग्री
05- किलो नीम या टहनियां
5 किलो नीम फल
5 लीटर गोमूत्र
1 किलो गाय का गोबर
सबसे पहले प्लास्टिक के बर्तन में 5 किलोग्राम नीम का पता और 5 किलोग्राम नीम के फल के टुकड़े डालें एवं 5 लीटर गो-मूत्र व 1 किलोग्राम गाय का गोबर डालें, इन सभी सामग्री को डंडे से चलाकर जालीदार कपड़े से ढक दें. यह 48 घंटे में तैयार होगा. 48 घंटे में चार बार डंडे से चलाएं. इस घोल को 100 लीटर पानी में मिलाकर इसे कलात्मक रूप में उपयोग कर सकते हैं.
लाभ
मनुष्य, पर्यावरण और खेती के लिए शून्य हानिकारक है. इसकी जैविक परिष्करण होने के कारण भूमि की संरचना में सुधार होता है. सिर्फ हानिकारक कीटो को मारता है, हानिकारक कीटो को हानि नहीं पहुंचती. किसानों के लिए यह एक अच्छा और सस्ता उपाय है. कम लागत में घर बैठे इसे आप भी तैयार कर सकते हैं और फल में लगने वाली कीट और बीमारियों से बचा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 23:40 IST