सहरसा : कहा जाता है राहों में बिछाएंगे हम सपनों की चादर, जुनून से सजेगा हर कदम, हर पल बनेगा खास यह लाइन सहरसा के महिषी प्रखंड के महपुरा गांव के रहने रामोतार पंडित के पुत्र शिव कुमार पंडित पर एकदम सटीक बैठती है. उन्होंने कुछ ऐसी कर दिखाया है जिससे उनके माता-पिता का सीना चौड़ा हो गया है. शिवकुमार पंडित के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी औरों से काफी अलग है.
शिव कुमार पंडित नीट परीक्षा में 720 में 690 अंक लाए हैं. वही ऑल इंडिया रैंकिंग की बात करें तो 4907 है. इसके अलावा ओबीसी रैंक की बात करें तो 1894 है, लेकिन शिव कुमार पंडित के इस कठिन परीक्षा को पास करने में सबसे अहम भूमिका अगर किन्ही की रही तो वह छात्र की माता मंजू देवी की. शिव कुमार पंडित के पिता मजदूरी का काम करते हैं घर में बेटे को पढ़ाने का कोई साधन नहीं था, लेकिन मां का सपना था कि वह अपने बेटे को डॉक्टर के रूप में देखें लेकिन घर की स्थिति बेहद खराब थी पिता प्रतिदिन मजदूरी का काम करते हैं.
माता-पिता ने अपने बेटे का सहरसा में एक कोचिंग क्लास में एडमिशन कराया. जहां शिव कुमार पंडित ने खूब मेहनत की है, पहली बार की परीक्षा में उन्हें असफलता हाथ लगी, जिसके बाद वे निराश हो गए और पढ़ाई को छोड़ दिया लेकिन शिक्षक चंदन कुमार और नंदन कुमार दोनों ने छात्र का हौसला बढ़ाया और अपने संस्थान में मुफ्त में इसकी शिक्षा दी. शिक्षकों ने भी यह ठान लिया कि जब तक शिवकुमार डॉक्टर नहीं बन जाते हैं तब तक वह इसी संस्थान में पढ़ाई करते रहेंगे. दूसरी बार में शिव कुमार ने यह सफलता हासिल कर ली और 720 में 690 अंक लाकर उन्होंने न केवल अपने माता-पिता शिक्षकों का नाम रोशन किया बल्कि अपने जिले का भी मान बढ़ाया है.
बेटे की इस कामयाबी पर शिव कुमार की मां मंजू देवी बताती हैं कि वह काफी खुश है अब उनका सपना पूरा होता हुआ दिख रहा है, इस मुकाम तक आने के लिए सहरसा के प्रगति क्लासेस के चंदन कुमार और नंदन कुमार की अहम भूमिका रही हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी इस स्थिति को देखते हुए दोनों शिक्षकों ने माता-पिता का कर्ज अदा किया और उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया.
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FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 06:31 IST