सिरोही: राजस्थान की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी माउंट आबू में वैसे तो कई टूरिस्ट पॉइंट है जहां पर्यटकों की भीड़ रहती है लेकिन आज हम आपको माउंट आबू के एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो सम्भवत: देश का एक मात्र मंदिर है जहां दो शिवलिंग आमने सामने हैं. शिवलिंग के साथ ही शिव परिवार भी दो एक ही मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हैं. शिवलिंग के सामने नंदी भी दो हैं. यहां स्थापित शिवलिंग स्वयंभू हैं. मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव यहां स्वयं प्रकट हुए थे.
जंगलों के बीच चारों तरफ अरावली की पहाडियों और कल-कल बहते झरने के पास बना ये प्राचीन मंदिर महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली भी मानी जाती है. स्कंध पुराण में भी इसका उल्लेख हैं. यहां बने प्राचीन कुंड में पानी कभी खत्म नहीं होता है. इस कुंड के आसपास ओम के निशान और प्राचीन प्रतिमाएं हैं. इस कुंड के पानी को गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है.
पूरे विश्व में अनोखा है यहां का शिवलिंग
देलवाड़ा के ओंकार आश्रम के प्रतापगिरी महाराज ने लोकल 18 को बताया कि अग्नेश्वर महादेव बहुत पौराणिक स्थान है. ये स्थान भगवान राम के गुरू ऋषि विश्वामित्र की तपोस्थली रही है. यहां बने शिवलिंग पूरे विश्व में बने शिवलिंग से अलग है. यहां दो शिवलिंग आमने सामने हैं. यहां बना अखंड धुणा पिछले कई वर्षों से निरंतर जल रहा है. यहां देशभर से भक्त मनोकामनाएं लेकर दर्शन करने आते हैं.
कैसे पहुंचे अग्नेश्वर महादेव …
माउंट आबू में छुपे इस पौराणिक मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको देलवाड़ा मुख्य मार्ग से रसिया बालम मंदिर से आगे करीब 1 किलोमीटर आना होगा. यहां पहाडियों के बीच सीढियों और पगडंडी से आप इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं. चारों तरफ हरियाली और कल-कल बहते झरनों के बीच बना मंदिर आपका मन मोह लेगा.
FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 22:27 IST