जमुई. अगर आप रैयती किसान हैं और जमीन के दाखिल-खारिज को लेकर आवेदन किया है, तब आपको 30 दिनों के भीतर हर हाल में एक काम कर लेना होगा. ऐसा नहीं किया ताे आपका दाखिल-खारिज आवेदन स्वतः ही अस्वीकृत कर दिया जाएगा और आपको दाखिल-खारिज के लिए यहां-वहां चक्कर लगाना पड़ सकता है. हालांकि ऐसा सभी रैयतों को नहीं करना पड़ेगा.
यह केवल उन रैयतों के लिए है, जिनके दाखिल-खारिज आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटि रहती है और उनके आवेदन को दोबारा आवेदक के लॉगिन में लौटाया जाता है. ऐसे सभी रैयत को 30 दिन के भीतर हर हाल में त्रुटि पूर्ण आवेदन को सुधार कर वापस ऑनलाइन करना पड़ेगा, अन्यथा उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.
30 दिन के भीतर करना होगा यह काम
गौरतलब है कि वर्तमान में नए नियमों के साथ दाखिल-खारिज किया जा रहा है. जिसके तहत अंचलाधिकारी किसी भी दाखिल-खारिज के आवेदन में त्रुटि पाए जाने के बाद उसे दोबारा आवेदक के लॉगिन में वापस कर देते हैं और दोबारा आवेदक को त्रुटि सुधार कर आवेदन करना होता है. पहले इसको लेकर किसी भी तरह की समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया था. लेकिन अब इसको लेकर समय सीमा निर्धारित कर दी गई है. अब रैयतों को 30 दिन के भीतर हर हाल में त्रुटि पूर्ण आवेदन को सुधार कर वापस ऑनलाइन करना पड़ेगा. अन्यथा 30 दिनों के बाद उनका आवेदन स्वतः ही अस्वीकृत मान लिया जाएगा.
बढ़ते मामले को लेकर लिया गया फैसला
दरअसल, दाखिल-खारिज आवेदन त्रुटि के वाद और आवेदक के लॉगिन में आवेदन वापस भेजने के बाद लगातार दाखिल-खारिज के पेंडिंग मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा था. आवेदक 30 दिनों के भीतर अपने आवेदन की त्रुटि में सुधार कर उसे वापस नहीं कर रहे थे और लगातार पेंडिंग मामलों की संख्या बढ़ती जा रही थी. जिसके बाद विभाग की तरफ से यह निर्णय लिया गया है. ऐसे में अगर आप भी रैयत हैं और आपके आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटि है, तो एक बार अपना लॉगिन जरूर चेक कर लें. कहीं ऐसा तो नहीं कि आवेदन आपके लॉगिन में पेंडिंग पड़ा है. अगर ऐसा है तो हर हाल में 30 दिनों के भीतर उसमें सुधार कर उसे दोबारा ऑनलाइन कर दें, अन्यथा आपका आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 22:15 IST