Homeदेशजानें कैसे मंडी में आयुर्वेदिक विधियाँ बदल रही हैं रोगियों की जिंदगी

जानें कैसे मंडी में आयुर्वेदिक विधियाँ बदल रही हैं रोगियों की जिंदगी

-


मंडी. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है. इससे स्वस्थ समाज का भी निर्माण होता है. इसी भावना के साथ कार्य करते हुए प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. मंडी जिला में इस पद्धति से उपचार करवा कर हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं.

जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेद चिकित्सा में वर्णित विधियों द्वारा रोगियों का उपचार किया जा रहा है. वर्तमान में यहां पर तीन चिकित्सक नियमित तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इनमें विशेषज्ञ तथा सामान्य चिकित्सक शामिल हैं. पंचकर्म विधि, योग, अग्नि कर्म, कपिंग, क्षारसूत्र, मर्म चिकित्सा आदि विधियों द्वारा यहां चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है. सप्ताह के दो दिन शुक्रवार और शनिवार को शल्य चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. शल्य चिकित्सा में क्षार सूत्र विधि से बवासीर, भगन्दर तथा अन्य गुदा रोगों का ईलाज किया जा रहा है। क्षार सूत्र द्वारा ऑपरेशन भी यहां किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बहुत लाभ हो रहा है.

तर्पण द्वारा नेत्रगत रोगों की चिकित्सा
पंचकर्म विधि द्वारा सम्पूर्ण शरीर की नाड़ी सम्बन्धी रोगों की चिकित्सा की जाती है, जिसमें ग्रीवा वस्थि द्वारा सर्वाइकल स्पोंडेलाइटिस (गर्दन की दर्द), कटि वस्ति द्वारा पीठ की दर्द, जानू वस्ति से घुटनों के दर्द, शिरो धारा से सिर दर्द तथा अन्य मानसिक रोगों का उपचार किया जाता है. अक्षी तर्पण द्वारा नेत्रगत रोगों की चिकित्सा, अग्नि कर्म, कपिल विधि, मर्म चिकित्सा द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में होने वाली व्याधियों का शमन किया जाता है. आयुर्वेदिक औषिधयों तथा विधियों द्वारा सामान्य व जीर्ण रोगों की चिकित्सा की जाती है। इन विधियों से उपचार करवा कर लोग लम्बे समय से जीर्ण व्याधियों से छुटकारा पा रहे हैं.

इस चिकित्सालय में सरकार के आदेशों अनुसार प्रातः के समय योग की विभिन्न क्रियाओं द्वारा भी रोगों की चिकित्सा की जाती है. विभिन्न आसनों द्वारा शारीरिक पुष्टि तथा प्राणायाम द्वारा मानसिक विकृतियों को दूर किया जाता है, जिससे बहुत से लोग बिना दवाई के भी स्वास्थ्य लाभ पा रहे हैं.

वहीं लोकल 18 से की गई बातचीत में डॉ० मनुबाला गौतम, जोकि वर्तमान में प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं वह खुद भी बाल रोग विशेषज्ञ हैं , उन्होंने बताया कि अस्पताल में मासिक आधार पर 1500 के करीब ओपीडी रहती है जबकि हर सप्ताह अंतिम दो दिनों में ही 60 से 70 रोगी यहां शल्य चिकित्सा व अन्य उपचार प्राप्त कर रहे हैं.

Tags: Ayurveda Doctors, Himachal pradesh news, Latest hindi news, Local18, Mandi news



Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts