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जेद्दा का चाहिए था वीजा, जुगाड़ से बन गया काम, IGIA पर पता चला कुछ ऐसा, कि…

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IGI Airport: इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के इमीग्रेशन काउंटर पर खड़े ज़ैनुल की मुसीबत अचानक से बढ़ गई थी. वैध वीजा-पासपोर्ट होने के बावजूद उसके ऊपर मुसीबत के घने बादल मड़राना शुरू हो चुके थे. वहीं, इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अफसर का सख्‍त होता लहजा और पैने सवालों की बौछार ने उसकी बेचैनी को बढ़ाना शुरू कर दिया है. उसका दिल उस वक्‍त बैठ गया, जब उसे बताया गया कि अब वह जेद्दा नहीं बल्कि एयरपोर्ट पुलिस की हिरासत में भेजा जा रहा है.

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्‍त उषा रंगनानी ने बताया कि 23 वर्षीय ज़ैनुल आबेद्दीन मूल रूप से उत्‍तर प्रदेश के बिजनौर जिले के अंतर्गत आने वाले सराय दादुमबार गांव का रहने वाला है. ज़ैनुल गल्‍फ एयर की फ्लाइट GF-135 से जेद्दा जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. जेद्दा जाने के लिए उसके पास असली पासपोर्ट और वैध वर्क वीजा तो वैध था, लेकिन उसके पासपोर्ट से कई पेज नदारद थे. जिसके चलते, ज़ैनुल को हिरासत में लिया गया था. 

प्रारंभिक पूछताछ के बाद इमीग्रेशन ब्‍यूरो ने ज़ैनुल को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया था. पुलिस की पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि उसके लिए जेद्दा के वर्क वीजा का इंतजाम एजाज़ नामक एक ट्रैवल एजेंट ने किया था और वर्क वीजा लगाने के लिए उसने अपना पासपोर्ट एजाज़ को दिया था. इस खुलासे के बाद पुलिस ने ज़ैनुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 की तहत गिरफ्तार कर लिया गया था.

शुरू हुई एजाज़ की तलाश
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि ज़ैनुल की गिरफ्तारी के साथ आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने ट्रैवल एजेंट एजाज़ की तलाश शुरू कर दी. एजाज़ की गिरफ्तारी के लिए इंस्‍पेक्‍टर राजकुमार के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई मदन लाल और एएसआई शिवराम भी शामिल थे. लोकल इंटेलीजेंस और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस टीम ने अज़ाज़ुल हक़ सिद्दीकी उर्फ एजाज़ को दिल्‍ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.

पूछताछ में कबूली यह बात
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि पूछताछ के दौरान एजाज़ ने ज़ैनुल को पासपोर्ट से छेड़छाड़ की बात कबूल कर ली है. उसने बताया कि वह न्‍यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हीना इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी चलाता है, जिसका का लोगों को विदेश में नौकरी दिलाना है. 2024 की शुरूआत में ज़ैनुल ने उससे संपर्क किया था और जेद्दा में नौकरी का इंतजाम कर उसे भेजने को कहा था. इस काम के एवज में दोनों के बीच 1.3 लाख रुपए में बात तय हुई थी.   

पासपोर्ट से फाड़े दिए पेज
एजाज़ ने पूछताछ में बताया कि डील के तहत उसे ज़ैनुल के लिए जेद्दा का वैध वर्क वीजा भी अरेंज करना था. लिहाजा, उसने ज़ैनुल की ट्रैवल हिस्‍ट्री दर्शाने के मकसद से पासपोर्ट पर फर्जी इमीग्रेशन स्‍टैंप लगा दिए, जिससे उसको आसानी से वर्क वीजा मिल सके. एजाज़ की यह ट्रिक काम कर गई और ज़ैनुल को जेद्दा का वैध वर्क वीजा मिल गया. वर्क वीजा मिलने के बाद एजाज़ ने फर्जी स्‍टैंप लगे पेज फाड़ दिए और पासपोर्ट ज़ैनुल के वापस कर दिया. एजाज़ की यही होशियारी ज़ैनुल के लिए बड़ी मुसीबत बन गई.  

कहानी अभी बाकी है…
इस मामले में भले ही आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी ज़ैनुल आबेद्दीन और अज़ाज़ुल हक़ सिद्दीकी उर्फ एजाज़ को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन इस कहानी का एक अध्‍याय अभी भी बाकी है. इस अध्‍याय के बारे में जानने के लिए ‘जेद्दा जाने के लिए पहुंचा दिल्‍ली एयरपोर्ट, वैध वीजा-पासपोर्ट होने के बाद भी हुआ गिरफ्तार, जानें क्‍या है पूरा मामला’ पर क्लिक करें.

Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, Business news in hindi, Delhi airport, Delhi police, IGI airport



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