गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले में स्थित सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व का ऐसा संगम है, जो हर साल हजारों पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है. झरने की दूधिया धाराओं के बीच बसा यह स्थान न केवल पर्यटकों को सुकून देता है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ है.
प्राकृतिक और धार्मिक महत्व का अनूठा स्थल
गढ़वा जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कांडी प्रखंड में स्थित सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल का इतिहास 300 साल से भी अधिक पुराना है. 30 फीट की ऊंचाई से गिरते दूधिया पानी के झरने के नीचे स्नान का आनंद लेने के लिए यहां सैलानी उमड़ते हैं. यह झरना विशेष रूप से सर्दियों और बारिश के मौसम में बेहद सुंदर लगता है. इस स्थल का नाम “सतबहिनी” सात बहनों की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि यहां स्नान करने आईं सात बहनें सती हो गई थीं, जिसके बाद यहां मूर्ति की स्थापना की गई.पुजारी प्रवीण पांडे ने लोकल 18 को बताया कि इस स्थल पर 300 साल पुराना श्याम बाबा का समाधि स्थल भी है. यह स्थल 24 एकड़ में फैला हुआ है और यहां की हरियाली पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. बरसात के दिनों में यहां की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है, जब झरने का जल प्रचुर मात्रा में बहता है.
नव वर्ष का विशेष आकर्षण
नए साल पर सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल पर विशेष भीड़ देखने को मिलती है.
पर्यटकों का अनुभव:
पलामू से आए धनंजय प्रसाद ने बताया कि वह हर साल अपने परिवार के साथ यहां आते हैं. झरने का नजारा और मंदिर के दर्शन उन्हें बार-बार यहां खींच लाते हैं. पहली बार आए रंजीत कश्यप ने कहा कि यह स्थल बेहद आनंदित करने वाला है, और वह दोबारा आने की योजना बनाएंगे.
पिकनिक और पूजा:
यहां लोग झरने के पास बैठकर पिकनिक मनाते हैं, स्नान करते हैं और माता के दर्शन करते हैं. यह तीर्थ स्थल सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है. हर साल माघ पूर्णिमा के दिन यहां यज्ञ का आयोजन होता है. आगामी 13 फरवरी को 25वें यज्ञ का आयोजन होगा.
कैसे पहुंचे सतबहिनी झरना तीर्थ स्थल?
गढ़वा से दूरी:
गढ़वा से कांडी होकर लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर यह स्थल स्थित है.
पलामू से दूरी:
पलामू से यह लगभग 70 किलोमीटर दूर है.
आवागमन के साधन:
यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सुगम है. बस, ऑटो और निजी वाहन आसानी से उपलब्ध हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 12:39 IST