Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुका है. अब वोटों की गिनती की बारी है. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान हुए हैं. सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद है. 23 नवंबर को मतगणना होगी. उसी दिन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा. झारखंड गठन के बाद 2005 से 2019 तक हुए चार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो कई सीटों पर बेहद रोमांचक मुकाबले हुए हैं. झारखंड में सबसे छोटी जीत 25 वोटों के अंतर से हुई थी, वहीं जीत-हार का सबसे बड़ा मार्जिन 72,643 वोटों का रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि 23 नवंबर को झारखंड विधानसभा का यह चुनावी रिकॉर्ड टूटेगा या नहीं…
सबसे छोटी जीत का रिकॉर्ड
2009 के चुनाव में हटिया विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार से सबसे कम वोटों के अंतर से हारे थे. कांग्रेस के गोपाल एसएन शाहदेव को 39, 921 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी रामजी लाल शारदा 39,896 मत प्राप्त कर महज 25 वोटों से हार गए थे. वहीं, 2005 के चुनाव में हुसैनाबाद सीट से एनसीपी प्रत्याशी कमलेश सिंह मात्र 43 वोटों के अंतर से जीते थे. इन्हें 21,661 वोट मिले थे. जबकि दूसरे स्थान पर रहे राजद प्रत्याशी संजय सिंह यादव 21,626 मत प्राप्त किए थे.
इसी तरह 2014 के चुनाव में तोरपा सीट पर मात्र 43 वोटों से जीत-हार का फैसला हुआ था. बीजेपी के कोचे मुंडा को 31,960 वोट आए थे. जबकि जेएमएम के पौलुस सुरीन 32,003 मत लाकर दूसरे स्थान पर थे. इनके अलावा सिमडेगा(2019) में 285, चक्रधरपुर(2009) में 290, बड़कागांव(2014) में 411, खूंटी(2009) में 436, लातेहार(2005) में 438, बिशुनपुर 569 और लोहरदगा(2014) में 592 वोटों के अंतर से जीत-हार हुई है.
सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
वहीं, झारखंड चुनाव में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वालों में बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिरंची नारायण और कांग्रेस के आलमगीर आलम सहित अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं. 2014 चुनाव में बोकारो विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बिरंची नारायण ने 72, 643 वोट के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी. चुनाव में उन्हें कुल 1,14,321 वोट मिले थे. जबकि 41,678 वोट लाकर निर्दलीय प्रत्याशी समरेश सिंह दूसरे स्थान पर थे. इसके बाद सबसे बड़ी जीत रघुवर दास को मिली थी. 2014 के चुनाव में ही जमशेदपुर पूर्वी सीट से रघुवर दास को कुल 1,03,427 मत मिले थे. इन्होंने कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को 70,157 वोटों से हराया था.
वहीं 2019 के चुनाव में सबसे बड़ी जीत पाकुड़ से कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम को मिली थी. इन्हें कुल 1,28,218 वोट मिले थे. इन्होंने कांग्रेस वेनी प्रसाद गुप्ता को 65,108 मतों से हराया था. इनके अलावा खिजरी (2014) में 64.912, बहरागोड़ा(2019) में 60,565, कांके(2014) में 59,804, रांची (2014) में 58863, खरसावां (2015) में 55,344, रामगढ़ (2014) में 53,818, धनबाद (2019) में 52,997, हजारीबाग (2019) में 51812 और मांडू (2019) में 48,123 वोटों के मार्जिन से जीत-हार हुई थी.
इस बार कई सीटों पर कांटे की टक्कर
बता दें कि झारखंड में चल रहे चुनाव में कई सीटों पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है. वहीं, चुनाव में कई मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदारों की प्रतिष्ठा भी दाव पर है. जेएमएम से सीएम हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत सोरेन चुनावी दंगल में हैं, वहीं हेमंत की भाभी सीता सोरेन BJP से मैदान में हैं. इसी तरह बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की किस्मत भी ईवीएम में कैद है. वहीं, पूर्व सीएम और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा और पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा भी किस्मत आजमा रहीं हैं. वहीं, बीजेपी से पूर्व आईपीएस डॉ. अरुण कुमार उरांव, कांग्रेस से पूर्व आईपीएस व सांसद रह चुके डॉ. अजय कुमार भी मैदान में हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 06:11 IST