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टोंक ग्राउंड रिपोर्ट: बवाल के बाद सहमा-सहमा सा है माहौल, चुप हैं लोग

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दौलत पारीक.

टोंक. राजस्थान का टोंक जिला बीते दो दिनों से न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में चर्चा में बना हुआ है. इसकी वजह है यहां गूंजी थप्पड़ की गूंज. यह थप्पड़ देवली उनियारा से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी अमित चौधरी को मारा था. अमित चौधरी मालपुरा उपखंड के एसडीएम हैं. चुनाव ड्यूटी में वे यहां आए थे. इस दौरान समरावता गांव में ग्रामीणों से जबरन मतदान कराने की बात पर मीणा और चौधरी के बीच बहस हो गई थी. इससे गुस्साए नरेश मीणा ने अमित चौधरी को थप्पड़ दे मारा.

इस थप्पड़ की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी. उसके बाद नरेश मीणा की हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर मचे बवाल से लोग सन्न रह गए. बुधवार रात को शुरू हुआ बवाल गुरुवार रात तक चलता रहा. इससे सरकार अलर्ट मोड पर आ गई. मीणा समर्थकों ने करीब ढ़ाई दर्जन से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया. वहीं राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारियों (RAS) समेत अन्य कर्मचारियों का भी गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पेन डाउन स्ट्राइक कर दी. बवाल को देखते हुए भजनलाल सरकार ने टोंक समेत कोटा और बूंदी में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर रखी है.

इस घटना के बाद आज जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा और पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान दलबल के साथ समरावता गांव पहुंचे. उन्होंने पूरे मामले की फिर से समीक्षा की. ग्रामीणों से बातचीत की. इस दौरान पूरा माहौल सहमा-सहमा से नजर आया. समरवता गांव के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था. उसकी समझाइश के दौरान यह बखेड़ा हो गया. नरेश मीणा ग्रामीणों के समर्थन में आ गए. बाद में जो घटनाक्रम चला वे मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया. प्रदेशभर की नजरें टोंक के समरावता गांव पर टिक गई.

हमने तो पुलिसकर्मियों को खाना खिलाया था और हमको ही लट्ठ मारे
ग्रामीणों का कहना है कि हमारी कोई गलती नहीं थी. हमने तो पुलिसकर्मियों को खाना खिलाया था. चाय पानी कराया था. रात को उन्होंने हम पर ही लाठियां बरसाई. इस पर कलेक्टर ने कहा कि बवाल से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. नियमानुसार नुकसान की भरपाई के प्रयास किए जाएंगे. एसपी ने जिला कलेक्टर को घटनास्थल पर वस्तुस्थिति के बारे में बताया.

ग्रामीण बोले लापता गांव वालों को वापस लाया जाए
स्थानीय निवासी धनराज मीणा का कहना है कि गांव में शांति है. लेकिन गांव के कई लोग लापता हैं. वे डर के मारे गांव से बाहर चले गए हैं. उनको वापस लाए जाए. पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची में भी उनका नाम नहीं है. वहीं स्थानीय निवासी हरिमोहन मीणा का कहना है लापता हुए लोगों से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. इस पूरे मामले में ग्रामीणों की कोई गलती नहीं है.

कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से ग्रामीणों के साथ है
कलेक्टर ने करीब आधे घंटे तक तसल्लीपूर्वक ग्रामीणों की बातें सुनीं. ग्रामीणों की इन बातों से पुलिस प्रशासन भी सहमत नजर आया. जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से ग्रामीणों के साथ है. बाहरी लोगों और अफवाहों से सावाधन रहें. पुलिस प्रशासन अपना काम कर रहा है. बहरहाल समरावता गांव के लोग यहां हो रही पुलिस प्रशासन की आमदरफ्त को चुपचाप टुकर-टुकर देख रहे हैं.

Tags: Big news, Ground Report



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