12.30 घंटे में 1001 किलोमीटर की दूरी तय करती है सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन. राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड मगर किराया आधा, इस ट्रेन के दीवाने हैं लोग.
पटना. 18 मार्च 1974 को पटना में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के विरोध में छात्रों और युवाओं का आक्रोश फूट पड़ा था. तब जय प्रकाश नारायण ने कहा था- यह क्रांति है मित्रो और सम्पूर्ण क्रांति है! इस आह्वान नें सात क्रांतियां शामिल हैं-राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक क्रांति. इसी क्रम में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के नाम से एक और क्रांति की याद जुड़ी है जो बिहार के ट्रेनों की गति को नई दिशा दिखाने वाली साबित हुई है. आगे-आगे राजधानी एक्सप्रेस चल रही हो और इसके ठीक पीछे कोई ऐसी ट्रेन पड़ी हो जो रफ्तार तो राजधानी की रखती हो पर किराया इससे आधा हो. ऐसी खास ट्रेन का दीदार एक राज्य के लोग बीते कई दशकों से कर रहे हैं. ढाई दशक से यह ट्रेन भारत के सबसे तेज ट्रेनों में से एक कही जाती है, लेकिन किराया बिल्कुल ही आम आदमी के बजट का. भारत की पहली नॉन एसी सुपरफास्ट ट्रेन है और इसको आम आदमी की राजधानी भी कहा जाता है. यह ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से भागती है और 1001 किलोमीटर की दूरी 13 घंटे से कम समय में तय कर लेती है. खास बात यह कि ट्रेन का नामकरण ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचार और नारे पर आधारित है.
जीहां, हम बात कर रहे हैं संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस की जो भारतीय रेलवे की एक सुपरफास्ट ट्रेन है. यह ट्रेन बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्टेशन और नई दिल्ली के बीच चलती है. 16 फ़रवरी 2002 से चल रही है इस ट्रेन का नाम 1974 की ‘सम्पूर्ण क्रांति’ की याद में रखा गया है और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों और नारे पर आधारित है. यह भारत की सबसे तेज़ ट्रेनों में से एक है. ‘आम आदमी की राजधानी एक्सप्रेस’ नाम से प्रसिद्ध भारत की सबसे तेज ट्रेन में शामिल है और किराया साधारण सुपरफास्ट एक्सप्रेस का है.
अटल बिहारी वाजपेयी और नीतीश कुमार को इसका श्रेय
इस ट्रेन को वर्ष 2002 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने शुरू की थी. उस वक्त रेल मंत्री बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे. जब यह ट्रेन चलाने की घोषणा हुई तो पटना से नई दिल्ली के बीच चलने वाली यह ट्रेन बिहारवासियों के लिए बहुत बड़ा उपहार था. संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन 17 फरवरी 2002 को रविवार के दिन पटना से नई दिल्ली के लिए पहली बार रवाना हुई थी. इससे पहले राजधानी एक्सप्रेस के बाद मगध एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस जैसी ट्रेन बिहार की हाई स्पीड ट्रेन थी. वर्ष 2002 में संपूर्ण क्रांति आई जो नाम की तरह काम से भी क्रांतिकारी थी.
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के स्टॉपेज कम और गति अधिक
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से पहले उस वक्त सारी ट्रेनें आईसीएफ कोचों के जरिए चलती थी. शुरुआती दौर में रफ्तार के मामले में 110 से 120 किलोमीटर की रफ्तार से चलती थी. लेकिन, सम्पूर्ण क्रांति के ठहराव बहुत कम थे इसलिए यह सबसे तेज सुपरफास्ट ट्रेन थी. उस वक्त या ट्रेन पटना से चलकर मुगलसराय, कानपुर होते हुए नई दिल्ली जाती थी. उस वक्त कानपुर वाला ठहराव यात्रियों के लिए नहीं था और यहां केवल टेक्निकल स्टॉप था. अब मिर्जापुर और कानपुर यात्रियों के लिए रुकती है.
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में LHB कोच का प्रयोग सफल
इस ट्रेन के चलने के 10 साल और 5 महीने के बाद रेलवे में संपूर्ण क्रांति ने के आधुनिक एलएचबी कोच से बदल दिया और यह 130 के रफ्तार से बाकी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह चलने लगी. इसकी रफ्तार मुगलसराय-गाजियाबाद रेलखंड पर 130 किलोमीटर की हो गई. 8 अगस्त 2015 से नियमित तौर पर 130 की रफ्तार से दौड़ने लगी. बाकी राजधानी ट्रेनों की तरह मुगलसराय गाजियाबाद के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार है. इसके बाद यह पटना राजधानी के साथ ही बाकी राजधानी एक्सप्रेस को भी टक्कर देने लगी.
डीडीयू जंक्शन से 9 घंटे में ही पहुंच जाती है नई दिल्ली
दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (पूर्व में मुगलसराय) दिल्ली रेल खंड पर जो सबसे तेज रफ्तार वाली राजधानी ट्रेन है उनमें से पटना-दिल्ली राजधानी, हावड़ा-दिल्ली राजधानी, भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी सबसे कम समय में यात्रा पूरी करने वाले ट्रेनें हैं. ये तीनों ट्रेनें 8 घंटा 50 मिनट में मुगलसराय से दिल्ली का सफर तय करती है. संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के नाम बहुत सारे रिकॉर्ड दर्ज हैं. पहला यह कि ये भारत की सबसे तेज ट्रेनों में एक है. दूसरा यह कि ये भारत की पहली नॉन एसी सुपरफास्ट ट्रेन है, जिसे आधुनिक एलएचबी डिब्बे मिले.
‘आम आदमी की राजधानी’ कहते हैं लोग
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस पहली साधारण सुपरफास्ट ट्रेन है जो 130 की रफ्तार से दौड़ रही है. ऐसे में इसे आम आदमी की राजधानी कहना कोई गलत भी नहीं. राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार से चलती इस ट्रेन की सुविधाएं भी कम नहीं हैं. यही कारण है कि जल्दी ही लोग इसकी तुलना राजधानी एक्सप्रेस से करने लगे. कालांतर में लोगों ने ही इस ट्रेन को ‘आम आदमी की राजधानी एक्सप्रेस’ कहना शुरू कर दिया. तूफान वाली रफ्तार की इस ट्रेन को आखिर लोग ‘आम आदमी की राजधानी’ क्यों कहने लगे, इसे आगे जानते हैं.
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन की टाइम टेबल यहां देखिये
पटना के राजेंद्र नगर से नई दिल्ली के बीच इस ट्रेन का स्टॉपेज फिलहाल पटना जंक्शन, आरा जंक्शन, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, मिर्जापुर स्टेशन, कानपुर स्टेशन पर है. भारतीय रेलवे की ट्रेन संख्या 12393/12394 पटना के राजेंद्र नगर से नई दिल्ली और नई दिल्ली से पटना के राजेंद्र नगर के बीच प्रतिदिन चलती है. राजेंद्र नगर स्टेशन से 19:25 बजे चलकर, पटना जंक्शन पर 19:35, आरा 20: 20, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन 22:20, मिर्जापुर 23:21 बजे रुकती हुई अगली सुबह कानपुर में 2:25 बजे पहुंचती है. इसके बाद यह सुबह 7.55 मिनट पर नई दिल्ली पहुंचती है. इस दौरान यह 12 घंटे 30 मिनट का समय लेती है.
सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस नई दिल्ली से शाम साढ़े पांच बजे
ठीक इसी तरह ट्रेन संख्या 12394 नई दिल्ली से 17: 30 मिनट पर चलती है और उसी रात को 22:22 कानपुर, अगली सुबह 1:43 बजे सुबह मिर्जापुर, 3: 18 बजे पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन, सुबह 5: 21 बजे आरा, 6:35 पटना जंक्शन होते हुए 7: 15 बजे राजेंद्र नगर स्टेशन पहुंचती है. बता दें कि पटना-दिल्ली तेजस राजधानी एक्प्रेस राजेंद्र नगर टर्मिनल से 19: 10 में चलकर सुबह 7.40 पर नई दिल्ली पहुंचती है और 12 घंटे 30 मिनट का समय लेती है.
राजधानी एक्प्रेस से किराया आधा, रफ्तार बराबर
वहीं, थर्ड एसी का किराया राजधानी का देखें तो डायनेमिक प्राइस के साथ मिनिमम 2405 रुपये दिखाएगा. यह किराया डिमांड के अनुसार बढ़ भी सकता है. वहीं, संपूर्ण क्रांति का किराया केवल 1300 रुपये है. इसी प्रकार एसी 2 का राजधानी का डायनेमिक रेट लागू होने के साथ ही मिनिमम 3300 रुपये दिखाता है और यह डिमांड के अनुसार, बढ़ जाता है. हालांकि, राजधानी में मील (भोजन, स्नैक्स और चाय पानी) भी शामिल रहता है. बावजूद इसके संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस का किराया इतना सस्ता है कि आम आदमी इससे खुश रहता है.
FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 19:11 IST