सीकर. किसान अभी मौसम और तापमान को ध्यान में रखते हुए पछेती गेहूं की बुवाई शुरू कर दे. अच्छे उत्पादन के लिए किसान बीज दर 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें. गेहूं और जौ की खड़ी फसल में दीमक नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरीफोस 20% ईसी 4 लीटर प्रति 80-100 किलोग्राम मिट्टी में मिलाकर एक हेक्टेयर में समान रूप से फैलाएं और हल्की सिंचाई करें. देर से बुवाई की गई सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण का कार्य भी अभी से शुरू कर दें.
रोपाई से पहले खेतों में पूरी तरह एफवाईएम और पोटाश उर्वरक का उपयोग करें. एक्सपर्ट के अनुसार पॉली हाउस में ऊपरी वेंट बंद करें लेकिन दोपहर में साइड के पर्दे 1-2 घंटे के लिए खोलने चाहिए छोटे फलों के पौधों और नर्सरी को ठंडी हवा से बचाने के लिए उनके उत्तर की ओर पॉलीथिन शीट या सरकंडा लगाकर ढक दें.
स्पिनोसेड दवा का छिड़काव करें
किसान फूलगोभी, बंद गोभी और ब्रोकली की फसल के परिपक्व पौधों की रोपाई उठी हुई क्यारियों में की जा सकती है. सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी रखें यदि कीटों की संख अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पिनोसेड दवा 1.0 एमएम प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
कृषि यंत्र लेते समय रखें ध्यान
किसान एक लाख रुपए से अधिक के कृषि यंत्र अनुदान पर खरीद सकते हैं. इसके लिए डीलर द्वारा उस यंत्र/मशीनरी के मुख्य फ्रेम पर सामने से नजर आने वाले स्थान पर लेजर कट सीरियल नंबर लिखा होना अनिवार्य है. अगर कृषि यंत्र पर लेजर कट सीरियल नंबर लिखा नहीं है तो उस पर अनुदान नहीं मिल पाएगा. कृषि विभाग ने गाइडलाइन में यह संशोधन पूर्व में खरीदे हुए कृषि यंत्रों पर अनुदान और आपस में यंत्रों के आदान-प्रदान की प्रवृत्ति को रोकने के लिए किया है.
FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 17:10 IST