नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में डॉक्टरों सहित सभी मेडिकल स्टाफ के साथ हिंसा की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने काम करने के लिए सुरक्षित माहौल के मद्देनजर बुधवार को एक सलाह जारी की है.
केंद्र सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया, “हाल ही में यह देखा गया है कि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हिंसा बहुत आम हो गई है. कई स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने करियर के किसी मोड़ पर शारीरिक हिंसा से पीड़ित होते हैं. कई अन्य को धमकी दी जाती है या किसी तरह की आक्रामकता का सामना करना पड़ता है.”
उन्होंने आगे कहा, “केंद्रीय सरकारी अस्पतालों को ऐसी सभी घटनाओं की एक रजिस्ट्री बनाए रखने की सलाह दी जाती है. ऐसी किसी भी घटना को तुरंत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के माध्यम से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाना चाहिए.”
मंत्रालय की तरफ से यह सलाह उस महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर डॉक्टरों द्वारा जारी देशव्यापी विरोध के बीच आई है, जिसके साथ पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या कर दी गई थी. प्रदर्शनकारी डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को निलंबित करने और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के तत्काल गठन की भी मांग कर रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 23:32 IST