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तिलकुट ही नहीं तिलवा की सोंधी महक से भी गुलजार हो रहा बाजार, मकर संक्रांति को लेकर बढ़ी डिमांड

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समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर जिले में मकर संक्रांति की तैयारियां जोरों पर है. जनवरी माह आते ही तिलवा की मांग में वृद्धि होने लगी है, जिससे बाजार भी गुलजार हो गया है. तिलवा को मकर संक्रांति का प्रमुख मिष्ठान माना जाता है. इसकी सोंधी महक और धम-धाम की आवाज़ ने क्षेत्र को एक नई ताजगी दे दी है. समस्तीपुर जिले के मोहनपुर प्रखंड के दशहरा गांव में तिलवा बनाने की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर की जाती है.

यहां की खासियत यह है कि इस गांव में एक ही परिवार के कई सदस्य तिलवा निर्माण के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. गांव के संजीत शाह और उनके परिवार के लोग इस पारंपरिक काम को बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. उनके घर-घर में तिलवा बनाने का उद्योग है और लोग पूरे दिन इस काम में व्यस्त रहते हैं.

दशहरा गांव में बड़े पैमाने पर बनता है तिलवा

मकर संक्रांति के अवसर पर तिलवा की भारी डिमांड बढ़ जाती है और यह बाजार में सोंधी महक छोड़ता हुआ एक खुशी का माहौल बना देता है. दुकानों में कारीगर दिन-रात तिलवा बनाने में जुटे रहते हैं, जिससे बाजार में एक उत्सव जैसा माहौल बना रहता है. इस काम को लेकर दशहरा गांव में तिलवा बनाने का काम सदियों पुराना है और आज भी यह परंपरा जीवित है. तिलवा ना केवल खाने में स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह समस्तीपुर जिले के लोगों के लिए एक आर्थिक गतिविधि का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. दशहरा गांव के कारीगर संजीत शाह ने लोकल 18 से अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि तिलवा बनाने का काम पारंपरिक है और पीढ़ियों से चली आ रही है. दादा और परदादा भी इसी व्यवसाय से जुड़े थे.

100 रूपए किलो तक बिकता है तिलवा

संजीव शाह ने बताया कि पूर्वजों से ही सीखकर तिलवा बनाने को काम को आगे बढ़ा रहे हैं. यह परिवार का खानदानी पेशा है और इस पर गर्व है कि इस परंपरा को कायम रखे हुए हैं. उन्होंने बताया कि भाई पंचायत के मुखिया हैं. लेकिन, लेकिन यह पारंपरिक कार्य है, जिसे हम भूल नहीं सकते हैं. संजीत शाह ने तिलवा और तिलकुट के बीच अंतर को भी स्पष्ट किया. उन्होंने बताया कि तिलवा बनाने में काला तिल का इस्तेमाल होता है. साथ ही तिल के साथ चीनी और छेना का पानी मिलाया जाता है. इसी मिश्रण को तिलवा का रूप दिया जाता है. उन्होंने बताया कि तिलवा का 80 से लेकर 100 रूपए प्रति किलो तक रेट है. यहां सिर्फ लोकल लोग ही नहीं बल्कि बछवारा, बेगूसराय, वैशाली, पटना आदि जाने वाले लोग खरीद कर ले जाते हैं. संजीव की दुकान हाजीपुर-बछवारा NH 122B पर अवस्थित है.

Tags: Bihar News, Local18, Makar Sankranti, Samastipur news, Sweet Dishes



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