इनपुट-आशीष सिन्हा
पटना/किशनगंज. बिहार में हाल ही में चार सीटों ओर हुए उपचुनाव के बाद यह साफ तौर पर देखने को मिल गया कि राज्य में M फैक्टर की अनदेखी भारी पड़ सकती है. खासकर बिहार का सीमांचल इलाका जो मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है. यहां M फैक्टर की अहमियत काफी बढ़ जाती है. वहीं सीमांचल का किशनगंज जिला भी M फैक्टर के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल किशनगंज का इलाका सीमांचल में आता है. सीमांचल में चारों जिले- किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार हैं.
सीमांचल की कुल आबादी तकरीबन 1.08 करोड़ है. सीमांचल इलाके में 50 फीसदी मुस्लिम आबादी है जो कि बिहार में मुस्लिमों की कुल आबादी का 17 फीसदी है. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक मुस्लिम आबादी किशनगंज में सबसे अधिक 68 फीसदी, कटिहार में 44.5 फीसदी, अररिया में 43 फीसदी और पूर्णिया में 39 फीसदी है. अब ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि किशनगंज समेत पूरे सीमांचल में मुस्लिमों को नजरअंदाज करना किसी भी दल को भारी पड़ सकता है.
जानें क्या कहता है किशनगंज का आंकड़ा?
बता दें, किशनगंज की चार विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या 5,87,620 है. पुरुष मतदाता संख्या 6,25,487 है. पुरुष-महिला मतदाताओं के बीच का अंतर 37867 है हाल के वर्षों में महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले बढ़-चढ़कर चुनाव में मतदान किया. लोकसभा चुनाव 2024 में जिले के छह विधानसभा चुनाव में महिलाओं का दबदबा बरकरार रहा था. ठाकुरगंज विधानसभा में 68.2 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां पुरुष का मतदान प्रतिशत 64 प्रतिशत जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 72 प्रतिशत रहा. किशनगंज विधानसभा में 61.4 प्रतिशत मतदान हुआ. इनमें पुरुष का मतदान प्रतिशत 59 जबकि महिलाओं के मतदान प्रतिशत 63 रहा था.
क्या है आरजेडी विधायक सऊद आलम से जुड़ा मामला?
बता दें, बिहार के किशनगंज जिले की ठाकुरगंज विधानसभा सीट से आरजेडी विधायक सऊद आलम ने दिघलबैंक प्रखंड की सीओ को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. अब यह मामला सियासी रंग पकड़ चुका है. बीजेपी-जेडीयू सऊद आलम पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. दरअसल, किशनगंज जिले के दिघलबैंक ब्लॉक में तैनात सीओ गरिमा गीतिका ने अवैध बालू खनन को लेकर बालू लदे एक ट्रैक्टर को पकड़ लिया था. ट्रैक्टर को छुड़ाने के लिए तुलसिया पंचायत के मुखिया जैद अजिज पहुंच गए और और ट्रैक्टर को छुड़वा लिया. सीओ गरिमा गीतिका ने मुखिया और उनके समर्थकों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करा दिया.
RJD विधायक ने की दुपट्टा ओढ़ने की बात
एफआईआर में धक्का मुक्की करने के साथ साथ दुपट्टा खींचने की बात भी लिखी गई है. RJD विधायक मुखिया के बचाव में उतर आए. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ यह व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि सीओ साहिबा अपनी गाड़ी से ही नहीं उतरी तो दुपट्टा खींचने का सवाल ही पैदा नहीं होता हैं. सऊद आलम यहीं नहीं रुके, उन्होंने दावा किया कि सीओ साहिबा दुपट्टा ओढ़ती ही नहीं हैं, मैंने उन्हें कभी दुपट्टे में नहीं देखा. विधायक ने कहा कि अगर अधिकारी जनप्रतिनिधियों पर झूठा केस करने लगेंगे तो यह बहुत गलत बात है. विधायक ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने सीओ साहिबा के साथ कई बार बैठक की है, लेकिन कभी उन्हें दुपट्टा ओढ़ते नहीं देखे है.
बयान पर किशनगंज से लेकर पटना तक बवाल
विधायक सऊद आलम के इस बयान पर किशनगंज से लेकर पटना तक हल्ला मचा हुआ है. किशनगंज बीजेपी जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि विधायक का बयान आरजेडी की संस्कृति को उजागर करता है. उन्होंने विधायक सऊद आलम को अपने बयान के लिए माफी मांगने के लिए कहा. बयान पर बवाल मचने के बाद सऊद आलम बैकफुट पर आ गए. उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वो हिंदुस्तान की सभी मां, बहनों का सम्मान करते हैं. विपक्ष के लोग उनके बयान का गलत मतलब निकाल रहे हैं. कहा कि हिंदुस्तान में सभी को आजादी है, दुपट्टा पहने या न पहनें.
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FIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 15:52 IST