जयपुर. राजस्थान में चूरमा, दाल और बाटी के अलावा काचरी और सांगरी की सब्जी देशी ओर विदेशी मेहमान द्वारा खूब पसंद की जाती है. कचरी और सांगरी राजस्थान की परंपरागत और प्रसिद्ध सब्जी है. इसका स्वाद खट्टा मीठा होने की वजह से कचरी और सांगरी की सब्जी बेहद टेस्टी लगती है. ये दोनों खासतौर पर रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाती हैं और इनका उपयोग विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों में किया जाता है.
कचरी एक जंगली सब्जी है जो छोटे खीरे या तरबूज की तरह दिखती है. इसके अलावा सांगरी एक प्रकार की फलियां होती हैं जो राजस्थान के राज्य वृक्ष पर लगती है. कचरी का स्वाद खट्टा होता है और इसे मसालेदार व्यंजनों में उपयोग किया जाता है. कचरी को सुखाकर उसका पाउडर बनाया जाता है. इसके अलावा इसका स्वाद भी हल्का खट्टा और नमकीन होता है.
काचरी और सांगरी की सब्जी की सामग्री
इसे बनाने के लिए सांगरी 100 ग्राम (सुखी या ताजी), काचरी 50 ग्राम (सुखी या ताजी, पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं), तेल 3-4 टेबलस्पून, हींग चुटकीभर, जीरा 1 चम्मच, सूखी लाल मिर्च 2-3, हल्दी पाउडर 1 चम्मच, धनिया पाउडर 1 चम्मच, लाल मिर्च पाउडर 1/2 चम्मच, अमचूर पाउडर 1/2 चम्मच, गरम मसाला 1/2 चम्मच, नमक स्वादानुसार, दही 2-3 टेबलस्पून, हरी मिर्च 1-2 (बारीक कटी हुई), लहसुन और अदरक का पेस्ट 1 चम्मच की आवश्यकता होती है.
काचरी और सांगरी की सब्जी की विधि
इसे बनाने के लिए सबसे पहले सांगरी को अच्छी तरह धोकर 4-5 घंटे पानी में भिगो दें, बाद में इसे नमक डालकर उबाल लें और पानी निकालकर अलग रखें. फिर कचरी को भी धोकर भिगो लें. सुखी काचरी है तो इसे नरम होने तक पानी में उबालें. इसके बाद एक कड़ाही में तेल गरम करें और उसमें हींग और जीरा डालें. इसके बाद सूखी लाल मिर्च और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और हल्का भूनें. इसके बाद हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें.
सांगरी और कचरी मिलाएं
उबली हुई सांगरी और कचरी डालें. अच्छे से मसाले के साथ मिलाएं. यदि आवश्यकता हो तो थोड़ा पानी डालें. यदि खट्टापन बढ़ाना हो तो दही डालें और अच्छे से मिलाएं. अंत में गरम मसाला और अमचूर पाउडर डालें. सब्जी को धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकने दें. गरमागरम कचरी-सांगरी की सब्जी को बाजरे की रोटी, गेहूं की रोटी, या परांठे के साथ परोसें.यह सब्जी शाही स्वाद और पोषण से भरपूर होती है, जिसे खास मौकों पर जरूर बनाया जाता है.
काचरी और सांगरी की सब्जी खाने के फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि यह सब्जी केवल स्वादिष्ट ही नहीं होती है, बल्कि पोषण से भरपूर भी होती है. इनमें कई स्वास्थ्य लाभ भी जुड़े हुए हैं, जो इसे राजस्थान और अन्य शुष्क क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण आहार बनाते हैं. इस सब्जी में प्राकृतिक फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है. इसके अलावा इसमें पाचन एंजाइम पाए जाते हैं, जो खाने को पचाने में मदद करते हैं. इसके अलावा ऊर्जा प्रदान करने, इम्यूनिटी बढ़ाने, डाइजेस्टिव हेल्थ बढ़ाने में भी यह सभी बहुत उपयोगी है
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 17:24 IST
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